

महराजगंज के सिसवा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने शराब तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। बिहार ले जाई जा रही 18 बोतल विदेशी शराब और 21 बियर के डिब्बे जब्त किए गए।
पुलिस ने दो बैग शराब किया जब्त
Mahrajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में सिसवा बाजार रेलवे स्टेशन, जो अब शराब तस्करों का गढ़ बन चुका है, वहां जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। बिहार में शराबबंदी के बावजूद तस्करों ने इसे अवैध कमाई का जरिया बना लिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सिसवा रेलवे स्टेशन से होकर हर दिन भारी मात्रा में विदेशी शराब और बियर की तस्करी बिहार के विभिन्न जिलों में की जा रही है। लेकिन सोमवार को जीआरपी ने इस गोरखधंधे पर नकेल कसते हुए एक तस्कर को रंगे हाथों पकड़ लिया।
पुलिस ने चलाया सघन चेकिंग अभियान
जानकारी के अनुसार, जीआरपी पडरौना के सब-इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर सिसवा रेलवे स्टेशन पर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान एक संदिग्ध युवक की तलाशी ली गई, जिसके दो बैगों से 18 बोतलें विदेशी शराब और 21 बियर के डिब्बे बरामद किए गए। इनकी अनुमानित कीमत 13,400 रुपये आंकी गई है।
पुलिस ने की तस्कर की पहचान
वहीं पकड़े गए तस्कर की पहचान सुशील कुमार के रूप में हुई, जो बिहार के पश्चिमी चंपारण, मोतिहारी का रहने वाला है। जीआरपी ने तस्कर को हिरासत में लेकर बरामद शराब के साथ गोरखपुर जीआरपी कार्यालय भेज दिया है, जहां आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई चल रही है। इस अभियान में हेड कांस्टेबल मनोज यादव, रंजीत शाह, नितिन सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तेजी से फल-फूल रहा धंधा
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से तस्करी का यह धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। तस्कर शराब को दोगुनी-तिगुनी कीमत पर बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। रेलवे मार्ग तस्करी का सबसे आसान और सस्ता रास्ता बन गया है, क्योंकि यह कम समय में ज्यादा मात्रा में माल पहुंचाने में सक्षम है। सिसवा रेलवे स्टेशन जैसे छोटे स्टेशनों को तस्करों ने अपना अड्डा बना लिया है, जहां से वे बिहार के सुदूर इलाकों तक शराब पहुंचाते हैं।
जीआरपी की इस कार्रवाई ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए पकड़े गए तस्कर से गहन पूछताछ कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन शामिल है और इसका मास्टरमाइंड कौन हो सकता है।