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वाराणसी में पुलिस ने फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया और दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये आरोपी जाली क्रेडिट एजेंसियों, फर्जी रजिस्ट्री और कूटरचित दस्तावेज़ों के जरिए बड़ी धोखाधड़ी कर चुके थे। जांच में खुलासा हुआ कि कफ सिरप तस्करी नेटवर्क से इसकी कड़ी भी जुड़ी है।
कफ सिरप विवाद (Img: Google)
Varanasi: कफ सिरप तस्करी और वित्तीय धोखाधड़ी के संगठित नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए वाराणसी पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने करोड़ों की जालसाजी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों, विशाल कुमार जायसवाल (34) और बादल आर्य (33) को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी हुकुलगंज, थाना लालपुर-पाण्डेयपुर के निवासी हैं और काफी समय से फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर ठगी का धंधा चला रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह जाली क्रेडिट एजेंसियों, फर्जी वाहन रजिस्ट्री और जमीन के कूटरचित कागजात तैयार कर लोगों से धन ऐंठता था। आरोपियों ने “जी.एस.ए.सी. खोजवा भू-डेवलपर अमित जायसवाल” और “शैली ट्रेडर्स” के नाम से फर्जी फर्में बनाकर करोड़ों का कारोबार खड़ा कर लिया था। इसके माध्यम से वह लोगों को निवेश का झांसा देकर और कागजों पर माल लेकर वित्तीय धोखाधड़ी करते थे।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4,18,000 रुपये के कीमती सामान कागजी तौर पर लिया, वहीं 5 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय कर्ज और संपत्तियों पर अवैध कब्जा किया। इतना ही नहीं, गिरोह ने करीब 2 करोड़ रुपये की संपत्ति अवैध रूप से अर्जित कर ली। आरोप है कि जमीन कब्जाने और धमकाने में गिरोह अवैध हथियारों का इस्तेमाल भी करता था।
कफ सिरप कांड में बड़ा झटका: सिपाही की पत्नी के खाते में करोड़ों का लेनदेन, अब हुई सख्त कार्रवाई
पुलिस ने दोनों आरोपियों को 7 दिसंबर की रात करीब 8:50 बजे कोतवाली थाना परिसर से गिरफ्तार किया। पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
कफ सिरप तस्करी मामले के तहत कार्रवाई सिर्फ वाराणसी तक सीमित नहीं रही। लखनऊ की मॉडल जेल में तैनात वॉर्डर महेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच में पाया गया कि उसकी नजदीकी बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह से थी, जो इस तस्करी मामले में जेल में बंद है।
सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि महेंद्र सिंह की पत्नी के खाते में आलोक सिंह के बैंक खाते से लाखों रुपये ट्रांसफर हुए थे, जिससे पूरे नेटवर्क के तार और गहरे होने के संकेत मिले हैं।
कफ सिरप केस में वाराणसी पुलिस की SIT (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने कार्रवाई को तेज करते हुए मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के दो करीबी सहयोगियों को हिरासत में लिया है। ये दोनों शहर के दवा व्यवसाय से जुड़े हैं और SIT को इनके पास से ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं, जिनसे इस अवैध कारोबार की व्यापकता का पता चलता है।
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें IPC 420, 467, 468, 471, धारा 26, 61(2), 318(2), 338, 336(3), 340(2) और साथ ही आयुध अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई है। वाराणसी और लखनऊ में जारी लगातार सख्ती से यह साफ है कि पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी और गिरफ्तारी जारी रखेगी।