

एटा में एम्बुलेंस चालक दीपक पर सरेआम हमला हुआ। आरोपी हिमांशू यादव व साथियों ने जातिसूचक गालियां दीं, फंदा डालकर घसीटा और जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
प्राइवेट एम्बुलेंस चालक पर हमला
Etah: उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक प्राइवेट एम्बुलेंस चालक के साथ दिनदहाड़े मारपीट और जानलेवा हमले की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी ठेस पहुंचाती है। बता दें कि जातिसूचक गालियों, बर्बर पिटाई और जान से मारने की धमकी से एम्बुलेंस चालक और उसके परिवार में दहशत है।
ये है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित चालक दीपक अपने वाहन में मरीज को लेकर जा रहा था। जैसे ही वह मुख्य सड़क से गुज़र रहा था, अचानक दूसरी एम्बुलेंस से कुछ युवक उतरे और उसकी गाड़ी को बीच रास्ते में रोक लिया। बिना किसी चेतावनी के उन्होंने दीपक को घेर लिया और बुरी तरह मारना शुरू कर दिया।
पीड़ित का गंभीर आरोप
पीड़ित का आरोप है कि हमला करने वालों में हिमांशू यादव उर्फ पऊआ और उसके चार अन्य साथी शामिल थे। उन्होंने न सिर्फ दीपक को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया बल्कि गले में फंदा डालकर सड़क पर घसीटने की कोशिश भी की। इसके साथ ही पीटाई का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने की धमकी दी गई।
क्यों किया हमला ?
दीपक ने पुलिस को बताया कि आरोपियों का आपराधिक इतिहास है और उन्होंने पहले भी दबाव बनाने की कोशिश की थी। लेकिन इस बार उन्होंने खुलेआम सड़क पर हमला करके जान लेने की कोशिश की। दीपक के मुताबिक, हमलावरों की मंशा उसे सामाजिक रूप से अपमानित करने और मानसिक रूप से तोड़ने की थी।
लोगों के देख भाग गए आरोपी
घटना की गंभीरता तब और बढ़ गई जब कांवड़ यात्रा ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी और कुछ राहगीर मौके पर पहुंचे। उनकी तत्परता से हमलावर मौके से भाग गए, जिससे एक बड़ी अनहोनी टल गई। इसके तुरंत बाद पीड़ित ने कोतवाली में तहरीर दी, जिसमें पांच लोगों को नामजद करते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की।
आरोपियों की तलाश शुरू
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं।
पीड़ित परिवार की मांग
इस घटना ने जिले में सनसनी फैला दी है और आम जनता में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि एम्बुलेंस चालक जो लोगों की जान बचाने का काम करता है, अगर वह भी सुरक्षित नहीं है तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है? वहीं पीड़ित परिवार ने मांग की है कि आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और उन्हें कठोरतम सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।