

ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या मामले में जांच तेज हो गई है। पुलिस ने दो प्रोफेसरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और यूनिवर्सिटी की बीडीएस बिल्डिंग को सील कर दिया गया है। छात्रा ने सुसाइड नोट में मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। मामले में डीन समेत 6 के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
ज्योति शर्मा का फाइल फोटो
Greater Noida News: शारदा यूनिवर्सिटी में हुए ज्योति शर्मा सुसाइड केस में लगातार एक्शन जारी है। अब BDS बिल्डिंग को सील कर दिया गया। यहीं पर ज्योति शर्मा पढ़ाई करती थी। इसके अलावा गिरफ्तार दोनों प्रोफेसरों ने भी पुलिस पूछताछ में अपनी सफाई दी है।
प्रोफेसरों ने क्या सफाई दी?
प्रोफेसरों ने पुलिस को अपनी सफाई में बताया, "ज्योति ने अपने असाइनमेंट पर खुद साइन कर लिया था। इसको लेकर ज्योति को सिर्फ टोका गया था और साथ में मामले की जानकारी ज्योति शर्मा के परिजनों को भी दी गई। इसके अलावा ज्योति से कुछ नहीं कहा गया।"
शारदा यूनिवर्सिटी
डीन समेत 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज
हालांकि, दोनों प्रोफेसर सैरी वशिष्ठ और महिंदर सिंह चौहान को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। इसके अलावा अन्य सभी एंगल से जांच की जा रही है। इस मामले में यूनिवर्सिटी के डीन समेत 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस बाकी के खिलाफ भी जांच कर रही है।
BDS बिल्डिंग सील का कारण क्या?
वहीं, दूसरी ओर BDS बिल्डिंग सील होने के बाद काफी स्टूडेंट्स अपने घर लौट गए हैं। स्कूल को डेंटल साइंस में एग्जाम शुरू होने वाले थे, लेकिन ज्योति शर्मा आत्महत्या मामले के बाद परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में शांति बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि सब कुछ सामान्य होने के बाद दोबारा से एग्जाम की तारीख घोषित की जाएगी।
ज्योति शर्मा ने पीछे छोड़ा सुसाइड नोट
हर स्टूडेंट की जुबान पर सिर्फ ज्योति शर्मा का नाम
आपको बता दें कि बीते 18 जुलाई शुक्रवार रात करीब 9:00 बजे शारदा यूनिवर्सिटी में मेडिकल की छात्रा ज्योति शर्मा ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसकी उम्र केवल 21 साल थी और बीडीएस की स्टूडेंट थी। ज्योति शर्मा सुसाइड मामले के बाद शारदा यूनिवर्सिटी में तनाव और दुःख का माहौल है। हर स्टूडेंट की जुबान पर सिर्फ ज्योति शर्मा का नाम है।
कोर्ट ने दोनों आरोपियों को भेजा जेल
पुलिस ने इस मामले में दो प्रोफेसरों को गिरफ्तार किया है। अदालत ने मानसिक प्रताड़ना के आरोप में सैरी वशिष्ठ और महिंदर सिंह चौहान को रविवार को जेल भेज दिया है। छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में इन दोनों प्रोफेसरों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उसकी शिकायत के आधार पर ही इन दोनों शिक्षकों को हिरासत में लिया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ
छात्रा का सुसाइड नोट भी पुलिस को मिला है, जिसमें उसने अपने जीवनलीला समाप्त करने का कारण मानसिक प्रताड़ना को बताया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फंदे के कारण दम घुटना बताया गया है। यह संकेत भी मिल रहा है कि छात्रा ने अपने अंतिम कदम उठाने से पहले अपने अनुभवों और परेशानियों को लिखित रूप में व्यक्त किया होगा।
इन लोगों के नाम भी सामने आए
छात्रा के पिता रमेश ने इस घटना के लिए डेंटल साइंस विभाग के डीन प्रो. (डॉ.) एम. सिद्धार्थ, विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. आशीष चौधरी, प्रो. डॉ. अनुराग, सहायक प्रोफेसर सुरभी और सैरी वशिष्ठ आदि शिक्षकों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। इन आरोपों के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों प्रोफेसरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।