

अलीगढ़ में दलित युवकों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के बाद एक तरफ जहां पीड़ितों के लिए न्याय की मांग तेज हो रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
सपा सांसद और वरिष्ठ दलित नेता रामजी लाल सुमन को आवास पर ही रोक (सोर्स-रिपोर्टर)
अलीगढ़: उउत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दलित युवकों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के बाद एक तरफ जहां पीड़ितों के लिए न्याय की मांग तेज हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है। समाजवादी पार्टी इस मुद्दे पर लगातार सक्रिय है और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक प्रतिनिधिमंडल भेजकर पीड़ित परिवार से मिलने का निर्देश दिया था।
आवास पर ही रोक दिया
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आज सपा सांसद और वरिष्ठ दलित नेता रामजी लाल सुमन को आगरा से अलीगढ़ जाना था। जहां उन्हें पीड़ित परिवार से मिलकर हालात का जायजा लेना था। लेकिन उनके जाने से पहले ही आगरा पुलिस ने उन्हें उनके आवास पर ही रोक लिया और सुरक्षा के नाम पर उनके आवास को छावनी में तब्दील कर दिया।
पुलिस बल तैनात
मिली जानकारी के अनुसार, आज सुबह से ही रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। स्थानीय पुलिस के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। पुलिस ने उन्हें अलीगढ़ जाने की साफ मनाही कर दी, जिससे सपा कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश फैल गया।
नेताओं को किया नजरबंद
उधर, अलीगढ़ में भी पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए स्थानीय समाजवादी पार्टी के नेताओं को नजरबंद कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक अलीगढ़ के कई बड़े सपा नेताओं को नजरबंद किया गया है, ताकि वे पीड़ित परिवार से न मिल सकें और कोई राजनीतिक जमावड़ा या विरोध प्रदर्शन न हो सके।
यह पूरी तरह अलोकतांत्रिक
सपा नेताओं ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र का गला घोंटना बताया है। सांसद रामजी लाल सुमन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। हमें बस एक दलित परिवार से मिलना था और उनकी समस्या सुननी थी। लेकिन सरकार इसे स्वीकार नहीं कर रही है क्योंकि वह सच्चाई को छिपाना चाहती है।"
सपा ने कि घटना की कड़ी निंदा
समाजवादी पार्टी ने इस पूरी घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे राजनीतिक दमन बताया है। सपा प्रवक्ताओं ने कहा है कि योगी सरकार न सिर्फ दलितों पर हो रहे अत्याचारों का दमन कर रही है, बल्कि विपक्ष को जनता से मिलने भी नहीं दे रही है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी गई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ा जाएगा।