कौशाम्बी नाबालिग रेप घटना में पुलिसिया कार्रवाही के विरोध में आया संगठन

कोशाम्बी में नाबालिग बच्ची से रेप की घटना के मामले में पुलिसिया कार्रवाही के विरोध में रायबरेली के एक समाजिक संगठन ने आज प्रदर्शन किया। पढिये डाइनामाइट न्यूज़ की यह खबर

रायबरेली: जनपद के कौशाम्बी जनपद के लोहंदा गांव में पिछड़े समुदाय की 8 वर्ष की नाबालिक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना के विरोध में आज एक सामाजिक संस्था ने प्रदर्शन किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार महारानी लोकमान्य माता अहिल्या बाई होल्कर फाउंडेशन (एमएलए फाउंडेशन ) कि तरफ से राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि इस मामले में एफ.आई.आर. सैनी कोतवाली में पीड़ित परिवार द्वारा दर्ज करायी गयी थी। किन्तु आरोपी सिद्धार्थ तिवारी उर्फ धन्नू के पिता रामबाबू तिवारी द्वारा इस एफ.आई.आर का विरोध करते हुए जहर खा लिया गया। जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। इसके पश्चात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के दखल के बाद सैनी कोतवाली में एफ.आई.आर दर्ज करने वाले अधिकारियों के एकाएक तबादले किए गये व इसके बाद नई नियुक्तियां करके रामबाबू तिवारी को मौत के लिए उकसाने का आरोप लगाकर पीड़ित नाबालिक बच्ची के परिजनों व वर्तमान प्रधान भूप नरायन पाल व उनके परिवार पर फर्जी एफ. आई.आर दर्ज कर दी गयी तथा वर्तमान प्रधान को मुख्य आरोपी बनाकर प्रशासन की तरफ से उनके उपर इनाम भी रख दिया गया।

जबकि घटना से कई दिनों पहले से ही गाव में मौजूद नहीं थे बल्कि घटना वाले दिन उनकी लोकॅशन पानीपत की निकली थी। फिर भी सत्ता के दबाव के चलते उनके ऊपर फर्जी मुकदमा लगा दिया गया और बलात्कार के आरोपी सिद्धार्थ तिवारी उर्फ धन्नू को जमानत दे दी गयी और उनके ऊपर लगा पाक्सो एक्ट भी वापस ले लिया गया।

इस प्रकार के प्रशासनिक मेदभाव व षड्यंत्र से दलित व पिछड़े समुदाय के लोगों में मारी आक्रोश व्याप्त है तथा ऐसा प्रतीत होता है कि कानून से ज्यादा सत्ता का दबाव काम कर रहा है। इस देश में कानून का शासन लागू है तथा देश संविधान व नियम-कानून के आधार पर ही चलाया जाना चाहिए किसी के दबाव या इशारे पर नहीं। एम.एल.ए. फाउन्डेशन की तरफ से मांग की गई है कि रेप पीड़िता 8 वर्ष की नाबालिक बच्ची के साथ हुए बलात्कार की घटना की निष्पक्ष जांच सी.बी.आई. एजेन्सी द्वारा कराई जाए।

रेप पीड़िता नाबालिक बच्ची के पिता व ग्राम प्रधान भूप नरायन पाल व उनके परिवारीजनों पर लिखे गए फर्जी मुकदमे वापस लिए जाए तथा उनके ऊपर घोषित किया गया ईनाम रद्द किया जाए। रेप पीड़िता नाबालिक बच्ची का परिवार मजदूरी करके जीवन यापन करता है तथा आर्थिक स्थिति बहुत खराब है इसलिए सरकार द्वारा उनकी आर्थिक सहायता की जाय। रेप पीड़िता नाबालिक बच्ची व ग्राम प्रधान के परिवार को सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए। नाबालिक बच्ची के बयान पुनः निष्पक्ष तारीके से लिए जाए व उसकी मेडिकल जांच भी करायी जाए एवं घटना में दोषी के ऊपर कठोर विधिक कार्यवाही करायी जाए।

 

Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 13 June 2025, 6:28 PM IST