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नगर पंचायत चौक के ओबरी वार्ड में करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बन रही धर्मशाला के निर्माण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि फाउंडेशन में घटिया ईंट, गिट्टी और कमजोर सीमेंट का उपयोग हो रहा है। निर्माण में मानकों की अनदेखी पर वार्डवासियों ने जेई और ठेकेदार की मिलीभगत बताते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है।
दो करोड़ की धर्मशाला में घटिया निर्माण
Maharajganj: नगर पंचायत चौक के ओबरी वार्ड में लगभाग दो करोड़ रुपये की लागत से बन रही धर्मशाला का निर्माण गंभीर सवालों के घेरे में आ गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि निर्माण कार्य मानकों और गुणवत्ता के विपरीत किया जा रहा है, जिससे न सिर्फ परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका भी गहराती जा रही है।
सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडराने की आशंका
बंधान योजना के तहत काली माता मंदिर परिसर में 1 करोड़ 97 लाख रुपये की लागत से भव्य धर्मशाला निर्माण का प्रस्ताव है। लेकिन शुरुआत से ही निर्माण में इस्तेमाल हो रही सामग्री को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। वार्डवासियों के अनुसार फाउंडेशन में दोयम दर्जे की ईंटों का उपयोग किया गया है, वहीं गिट्टी और सीमेंट की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। इससे भविष्य में भवन की मजबूती और सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडराने की आशंका जताई जा रही है।
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जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई निगरानी नहीं की जा रही है। उनका आरोप है कि संबंधित जेई और ठेकेदार की मिलीभगत से मानकों की अनदेखी कर जल्दबाजी में निर्माण कराया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी परियोजना में इस तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने निर्माण को तत्काल रोककर उच्चस्तरीय जांच कराने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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प्रशासन से न्यायपूर्ण कदम उठाने की उम्मीद
वार्डवासियों का कहना है कि धर्मशाला मंदिर परिसर के विकास और सामुदायिक उपयोग का महत्वपूर्ण केंद्र बनने वाली है। ऐसे में निम्न गुणवत्ता का निर्माण भविष्य में बड़े जोखिम पैदा कर सकता है। लोगों ने स्पष्ट किया कि जब तक निर्माण कार्य में मानकों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित नहीं होगा, तब तक वे विरोध जारी रखेंगे। फिलहाल निर्माण कार्य को लेकर क्षेत्र में आक्रोश बना हुआ है और लोग प्रशासन से न्यायपूर्ण कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।