Maharajganj News: महाव नाले का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर, प्रशासन की सतर्कता से टली बड़ी आपदा

नेपाल में हुई भारी बारिश से महाव नाले का जलस्तर 13.40 फीट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। प्रशासन और सिंचाई विभाग की मुस्तैदी से स्थिति संभाल ली गई है। विधायक ऋषि त्रिपाठी ने हालात की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 15 September 2025, 5:05 PM IST
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Maharajganj: नेपाल से निकलने वाली महाव नाले के कैचमेंट क्षेत्र में 110 मिमी से अधिक भारी वर्षा और अतिवृष्टि दर्ज की गई। इसके कारण जनपद महराजगंज में महाव नाला 5 घंटे तक अपने पूर्व उच्चतम जलस्तर से लगभग 1.40 फीट ऊपर पहुंच गया और अब तक का सर्वाधिक जलस्तर 13.40 फीट दर्ज किया गया। यह स्थिति अत्यंत खतरनाक मानी जा रही थी, क्योंकि महाव नाले के किनारों पर कोई तटबंध मौजूद नहीं है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्पायल बैंक, जो नाले की सफाई के दौरान निकाली गई सिल्ट का ढेर है, वह जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुआ। ऐसे में तटबंध न होने के कारण आसपास के क्षेत्रों में खतरा बढ़ने की आशंका उत्पन्न हो गई थी।

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अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

हालांकि, प्रशासन, सिंचाई विभाग और पुलिस ने हालात पर सघन निगरानी रखते हुए लगातार स्थिति को नियंत्रित किया। इस बीच नौतनवा के माननीय विधायक श्री ऋषि त्रिपाठी स्वयं सक्रिय रहे और महाव नाले की स्थिति की लगातार जानकारी लेते रहे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।

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युद्ध स्तर पर की गई कार्रवाही

सिंचाई विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर कार्यवाही करते हुए सुरक्षात्मक उपाय किए गए। अधिशासी अभियंता राजीव कपिल ने जानकारी दी कि महाव नाले पर तटबंध नहीं है, लेकिन जनपद में नदियों के किनारे स्थित समस्त तटबंध पूरी तरह सुरक्षित हैं। विभागीय टीमों ने तेज़ी से काम कर बढ़ते जलस्तर को सुरक्षित ढंग से प्रवाहित कराया, जिससे किसी प्रकार की जनहानि या बड़ी क्षति होने से बचा लिया गया।

स्थायी तटबंध कब बनेगा?

यह घटना एक बार फिर महाव नाले के किनारों पर स्थायी तटबंध निर्माण की आवश्यकता को उजागर करती है। अगर इस नाले के किनारों पर तटबंध होता, तो जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण किसी बड़ी आपदा का खतरा बहुत कम हो सकता था। हालांकि, इस बार प्रशासन की सतर्कता और विभागीय टीमों के प्रयासों से स्थिति नियंत्रण में रही, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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