हिंदी
महराजगंज में पराली जलाने पर नियंत्रण को लेकर डीएम संतोष कुमार शर्मा ने सोमवार को बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की। जिले के सभी SDM, उपनिदेशक कृषि और 12 थानाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट
महराजगंज में डीएम सख्त
Maharajganj: जनपद में पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती के लिए प्रशासन अब पूरी तरह एक्टिव मोड में है। सोमवार को जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक, पुलिस और कृषि विभाग के अधिकारियों पर कड़ा रुख दिखाया। डीएम के इस कदम ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है।
पराली प्रबंधन पर प्रभावी नियंत्रण न दिखने पर जिलाधिकारी ने जनपद के सभी SDM, उपनिदेशक कृषि, तथा दर्जनभर थानाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस प्राप्त थानाध्यक्षों में श्यामदेउरवा, घुघली, सदर, कोठीभार, भिटौली, सिंदुरिया, पनियरा, चौक, निचलौल, नौतनवा, फरेंदा और बृजमनगंज शामिल हैं। इन क्षेत्रों में बार-बार पराली जलाने की घटनाएँ सामने आ रही थीं, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार नहीं दिखा।
Maharajganj News: बेलहिया में 22 वर्षीय युवक का शव मिलने से हड़कंप, रहस्यमय मौत पर सवाल
डीएम ने कहा कि पराली जलाना पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा केवल कागजी कार्यवाही कर जिम्मेदारियों को निभाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि प्रत्येक क्षेत्र में लगातार टीम बनाकर निगरानी की जाए और पराली जलाने वालों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई हो।
इसी क्रम में ग्राम पंचायतों में भी कड़े कदम उठाए गए। नेता सुरुहुआ, पिपरदेउरा, बसंतपुर राजा, बागापार, लखिमा और दबौली गांवों के ग्राम प्रधानों को 95(1)जी का नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में ग्राम प्रधानों से यह पूछा गया है कि गांव में पराली जलाए जाने की जानकारी के बावजूद रोकथाम के प्रभावी प्रयास क्यों नहीं किए गए।
पराली प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत करने हेतु कृषि विभाग के 30 एटीएम, बीटीएम और प्राविधिक सहायकों को भी चेतावनी दी गई है। इन फील्ड कर्मचारियों की जिम्मेदारी किसानों को जागरूक करना, वैकल्पिक प्रबंधन के बारे में बताना और वास्तविक समय पर रिपोर्टिंग करना है। डीएम ने यह भी कहा कि आगे से किसी भी स्तर पर लापरवाही मिली तो निलंबन जैसी कार्रवाई भी की जा सकती है।
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बैठक में कहा कि पराली दहन जन-स्वास्थ्य, पर्यावरण और वायु गुणवत्ता के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसे रोकना हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नियंत्रण के सख्त उपाय अपनाएँ, गांव-गांव टीम भेजकर भ्रमण कराएँ और जिन क्षेत्रों में शिकायत मिले, वहां तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।