

असद ने कहा, “वो मना कर रहा था, छटपटा रहा था, लेकिन मुझे उसमें मजा आ रहा था।” उसकी बातों में न कोई पछतावा था, न ही किसी तरह की शर्मिंदगी। इसके बाद भी असद की हवस शांत नहीं हुई।
22 वर्षीय आरोपी असद
Meerut News: मेरठ के नवाबगढ़ी इलाके में दो मासूम बच्चों की हत्या की दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। आरोपी असद बच्चों के साथ कुकर्म की इच्छा रखता था। यह बात उसने पुलिस पूछताछ में कबूल की हैं, वह इंसानियत को शर्मसार करने वाली हैं। 8वीं फेल यह युवक मानसिक विकृति, बेरोजगारी और नशे की गिरफ्त में इस कदर डूब चुका था कि उसका मन अब मासूमों की ओर आकर्षित होने लगा था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, असद ने पुलिस को बताया कि उसे कुछ दिनों से अचानक बच्चों के प्रति तलब महसूस होने लगी थी। जब वह किसी बच्चे को देखता तो उसके साथ संबंध बनाने की तीव्र इच्छा जाग जाती थी। जब उसकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं होती तो वह चिड़चिड़ा और हिंसक हो जाता था। पुलिस ने बताया कि रिहान और उवैश नाम के दो मासूमों की हत्या असद ने इसलिए की क्योंकि दोनों ने उसकी "घिनौनी मांगों" को मानने से इनकार कर दिया था।
बेरोजगारी, नशा और दिमागी विकृति ने बनाया राक्षस
पुलिस जांच में सामने आया है कि असद आठवीं कक्षा में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ चुका था। उसने इलाके की एक मस्जिद में दीनी तालीम लेना शुरू किया, लेकिन वह बेरोजगार ही बना रहा। कुछ समय तक उसने 'फूंक मारकर इलाज' करने का ढोंग किया और लोगों को धोखा देने की कोशिश की, लेकिन यह काम भी ज्यादा नहीं चला।
घर में चार भाई और तीन बहनें
धीरे-धीरे वह सूखा नशा करने लगा और दिनभर आवारा घूमता रहता था। नशे की लत, बेरोजगारी और निकाह न हो पाने की कुंठा ने उसे मानसिक रूप से अस्थिर कर दिया। पुलिस ने बताया कि असद के घर में उसके पिता इकरामुद्दीन, चार भाई और तीन बहनें हैं। जिनमें एक बहन की मौत हो चुकी है।
क्रूरता की हदें पार
पुलिस को दिए गए बयान में असद ने बताया कि 4 अप्रैल को उसने 11 वर्षीय रिहान को धनिया लाने के बहाने जंगल में बुलाया। जब रिहान आया तो असद ने उससे संबंध बनाने की मांग की। रिहान के इनकार करने पर असद ने पास पड़ी रस्सी से उसका गला घोंट दिया और शव को पास के जंगल में गड्ढा खोदकर दफना दिया। असद ने कहा, “वो मना कर रहा था, छटपटा रहा था, लेकिन मुझे उसमें मजा आ रहा था।” उसकी बातों में न कोई पछतावा था, न ही किसी तरह की शर्मिंदगी। इसके बाद भी असद की हवस शांत नहीं हुई। 9 जुलाई को उसने उसी गली में रहने वाले उवैश को भी अपने जाल में फंसाने की कोशिश की। उवैश के मना करने पर उसने फिर वही क्रूरता दोहराई।
निठारी कांड दोहराता असद?
एसपी देहात डॉ. राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि रिहान की गुमशुदगी तीन महीने पहले दर्ज हुई थी। पुलिस लगातार जांच कर रही थी। जब 9 जुलाई को उवैश भी लापता हुआ तो पुलिस को शक हुआ और दोनों मामलों को जोड़कर देखा गया। जांच के बाद 12 जुलाई को पुलिस ने असद को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने दोनों बच्चों की हत्या करना स्वीकार किया। पुलिस का मानना है कि अगर समय रहते असद को पकड़ा नहीं जाता तो वह "निठारी कांड" जैसा कोई बड़ा नरसंहार कर सकता था।