Axiom-4 Mission: शुभांशु शुक्ला 18 दिन बाद अंतरिक्ष से धरती पर लौटे, जानिये कैसे हुई कैलिफोर्निया के समुद्र में लैंडिंग

अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में मंगलवार कोउस समय बड़ी सफलता मिली है, जब शुभांशु शुक्ला का ड्रैगन स्पेसयान कैलिफोर्निया के समुद्र में सुरक्षित रूप से लैंड हुआ। यह यान धरती पर सुरक्षित वापसी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यान के लैंडिंग के साथ ही इस मिशन को एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त हुई, जिससे अंतरिक्ष अभियानों के भविष्य में नए दरवाजे खुल सकते हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 15 July 2025, 3:09 PM IST
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New Delhi: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके सहयोगियों के ड्रैगन स्पेसयान ने कैलिफोर्निया के समुद्र में सफल लैंडिंग की है। यह यान अपनी अंतरिक्ष यात्रा के 18 दिन बाद अब धरती पर सुरक्षित वापस आ चुका है। शुभांशु शुक्ला ने इस ऐतिहासिक पल को अंतरिक्ष यात्रा की नई शुरुआत बताया और कहा कि यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन (यान का समुद्र में उतरना) के साथ ही उनका अंतरिक्ष मिशन अपने तय लक्ष्य में सफल रहा। यान के सुरक्षित लौटने की खबर मिलते ही पूरे भारत में उत्सव जैसा माहौल बन गया। वैज्ञानिक समुदाय, आम नागरिक और शुभांशु के परिवारजन इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व से झूम उठे।

स्प्लैशडाउन की प्रक्रिया

शुभांशु शुक्ला का यान अपने अंतरिक्ष मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद पैराशूट के माध्यम से समुद्र की ओर उतरा। जैसे ही यान समुद्र में गिरा, इसके चारों ओर सुरक्षा टीम द्वारा तैयारी की गई थी। यान के समुद्र में उतरते ही स्पेसएक्स और नासा की टीम ने राहत की सांस ली। सभी यात्रियों और मिशन से जुड़े लोगों की सुरक्षा की पुष्टि की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि यान का संचालन पूरी तरह से सफल रहा।

अंतरिक्ष से धरती तक की रोमांचक यात्रा

शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम के सदस्यों को लेकर अंतरिक्ष यान ने दो सप्ताह पहले मिशन के तहत उड़ान भरी थी। इस अंतरराष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिक प्रयोगों, अंतरिक्ष यान संचालन और तकनीकी परीक्षणों को अंजाम देना था। मिशन के समापन पर जैसे ही यान ने कैलिफोर्निया के तट पर समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की, नासा के कंट्रोल रूम में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

देश में भावनाओं का ज्वार

भारत में जैसे ही टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से यान के सकुशल उतरने की खबर फैली, लाखों लोगों की निगाहें टीवी स्क्रीन से चिपक गईं। लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने के लिए सुबह से ही इंतजार कर रहे थे। कई स्कूलों में बच्चों को लाइव स्प्लैशडाउन दिखाया गया, जिससे उन्हें प्रेरणा मिल सके।

परिवार की आंखों में आंसू, लेकिन सीने में गर्व

शुभांशु शुक्ला के उत्तर प्रदेश स्थित पैतृक गांव में जश्न का माहौल था। उनके माता-पिता ने जब बेटे को अंतरिक्ष से लौटते देखा तो भावुक होकर आंसू बहा दिए, लेकिन साथ ही चेहरे पर गर्व और संतोष की चमक थी। शुभांशु की मां ने कहा, "बचपन से ही उसे तारों में दिलचस्पी थी। आज वो खुद अंतरिक्ष से लौटकर आया है। इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है?"

भारत के लिए गर्व का क्षण

वैज्ञानिकों और स्पेस रिसर्च से जुड़े विशेषज्ञों ने इस मिशन को भारत की वैज्ञानिक प्रतिभा और वैश्विक योगदान का प्रतीक बताया। भारत सरकार की ओर से भी प्रधानमंत्री और विज्ञान मंत्री ने शुभांशु शुक्ला को बधाई दी और कहा कि "शुभांशु जैसे युवा वैज्ञानिकों ने भारत को विश्व के स्पेस मैप पर अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है। यह हर युवा के लिए प्रेरणास्रोत है।"

शुभांशु शुक्ला का संदेश

"मैं अपने देश, अपने माता-पिता और उन सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया। ये सिर्फ मेरी नहीं, हम सबकी जीत है।" अब इस मिशन के अनुभव और डेटा के आधार पर आने वाले अंतरिक्ष अभियानों की दिशा तय की जाएगी, जिसमें शुभांशु की भूमिका अहम मानी जा रही है।

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