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फर्जी प्रोफाइल बनाकर कई बैंकों से धोखाधड़ी करके 100 करोड़ से अधिक का होम लोन लेकर गबन करने वाले संगठित गिरोह का यूपी एसटीएफ ने पर्दाफाश करते हुए सरगना समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं।
पुलिस गिरफ्त में आरोपी
Noida: कूटरचित दस्तावेजो का प्रयोग करके फर्जी प्रोफाइल बनाकर कई बैंकों से धोखाधड़ी करके 100 करोड़ से अधिक का होम लोन लेकर गबन करने वाले संगठित गिरोह का यूपी एसटीएफ ने पर्दाफाश करते हुए सरगना समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं।
एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी का शिकायती प्रार्थना पत्र जाँच हेतु एसटीएफ को प्राप्त हुआ था। जिसकी जाँच हेतु प्रकरण एसटीएफ फील्ड इकाई, नोयडा को सन्दर्भित किया गया था।
एसटीएफ नोएडा को मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ कि एक संगठित गिरोह द्वारा कूटरचित दस्ताकेज बनाकर लोगों के घरों के कर्जी दस्तावेज बनाये जा रहे है तथा उनके नाम के फर्जी व्यक्ति की प्रोफाइल बनाकर लोगों की सम्पत्ति को विभिन्न बैंको से लोन कराकर बेच दिया जा रहा है।
रामकुमार नित्तिन जैन, मौ० वसी, शमशाद आलम, इन्द्रकुमार कर्माकर, अनुज यादव, ताहिर हुसैन तथा अशोक उर्फ दीपक जैन उर्फ रिकी उपरोक्त को मय दस्तावेजों आदि के विस्तृत पूछताछ हेतु एसटीएफ यूनिट गौतमबुद्धनगर में लाया गया। सम्पूर्ण पूछताछ के उपरान्त पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर उपरोक्त आठो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त रामकुमार ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 45 साल है और वह पूर्व में एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक में लोन एग्ज्यूकेटिय के पद पर काम कर चुका है। इसके पश्चात फर्जी प्रोफाइल तैयार करके लोन कराने के कार्य में संलिप्त हो गया।
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अभियुक्त रामकुमार द्वारा विभिन्न बिल्डरों के साथ मिलकर फर्जी प्रोफाइल तैयार करके उनके नाम से होम लोन तैयार करके लोन लिया जाता है, जिसमें से कुछ रकम बिल्डर अभियुक्त रामकुमार को वापस देता है। अभियुक्त रामकुमार द्वारा टीएसए साफ्वेयर सर्विसिज लि० एवं Triptechie प्रा०लिए नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर तैयार किये गये फर्जी व्यक्ति को डायरेक्टर बनाकर रजिस्ट्रर्ज कराई है। इन कम्पनियों में कर्जी आधार कार्ड पर बनाये गये व्यक्ति के बैंक खाते, बैंक कर्मियों के साथ मिली भगत करके खोले हैं तथा इन कम्पनियों में फर्जी रूप से प्रतिमाह सैलरी भेजकर उनकी प्रोफाइल तैयार की है तथा ऐसे प्रोफाइल तैयार किये गये फर्जी व्यक्तियों के नाम से विभिन्न बैंकों से होम लोन, पर्सनल लोन आदि लियं है। इन सब कार्यों में गैंग के लोगों के अलग-अलग कार्य होते है। इस गैंग के मौ बसी एवं शमस्तद, बिहार के ऐसे लोगों को तलाशते थे, जो गल्फ कन्ट्री में नौकरी करते हैं इन व्यक्तियों को कुछ पैसे का लालच देकर उनकी प्रोफाइल पर लोन कराकर सम्पत्ति खरीद लेते हैं। अधिकत्तर ऐसी सम्पत्तियों कजर्जी व्यक्ति को खड़ा करके खरीदी जाती है अथवा बिल्वर के साथ मिलीभगत करके लोन कराते है तथा धन को आपस में बांट लेते हैं। इसी प्रकार की एक सम्पत्ति स्तनायासुदेवा नाम की महिला की दिल्ली में स्थित है, रतनाधासुदेवा की मृत्यु हो चुकी है एवं इनके पुत्र विदेश में रहते हैं।
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रतनावबासुदेधा के स्थान पर शाहिदा अहमद नाम की एक महिला को खही करके उसकी सम्पत्ति सनाउल्ला अंसारी के नाम इस गैंग द्वारा करा दी गयी जिसमें 4.8 करोड रूपये का लोन बैंक से प्राप्त करके आपस में बांट लिया। गैंग का एक सदस्य अनिल शर्मा, दिल्ली में इसी प्रकार कार की एक सम्पत्ति का फर्जी बैनामा करके एल०आई०सी० हाउसिंग से 125 करोड़ का लोन लेकर फर्जीवाडा करने के आरोप में मार्च-2025 में थाना ई०ओ०बब्लू दिल्ली के मु०अ०स० 93/23 में गिरफ्तार होकर जेल में निरुद्ध है। इस प्रकार 100 करोड से अधिक के लोन के फर्जीचाडे के प्रारम्भिक साक्ष्य अभियुक्तो से पूछताछ एच दस्तावेजों से प्राप्त हुए है। जिसमें उत्तर प्रदेश के नोएडा लखनऊ एवं बनारस, उत्तराखण्ड के हरिद्वार, चंडीगढ़, दिल्ली तथा गुरुग्राम के कई बिल्डरों की भी मिलीभगत होना ज्ञात हुआ है। गैंग के सदस्य अशोक कुमार, नितिन जैन, कर्माकर, तारिक अनुज आदि ने कई प्रोपाईटर फर्म फजी व्यक्तियों के नाम से बना रखी है. जिनमें धोखाधडी से प्राप्त धन को साधुफनिंग करके अभियुक्तों को दिया जाता है। अब तक ऐसी 20 से अधिक होल फर्मों की जानकारी प्राप्त हुई है जो धनशोधन के लिए प्रयुक्त की जा रही थी। फर्जी प्रोफाइल एवं धन की साइफनिंग के कारण न तो बैंक वास्तविक व्यक्ति तक पहुँच पाता है और यह गैंग पुलिस की पकड से भी बच्चा रहता है। इस गैंग के सदस्य हाईप्रोफाइल रहते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त राम कुमार एमबीए पास है तथा अभियुक्त यसी, कम्पनी सेक्रेटरी (सी०एस०) तथा एम०बी०ए पास है तथा एलएलबी पास है, जो कई वर्षों से एक्सचेन्सर कम्पनी में लीगल एवं रिस्क मैनेजर के पद पर कार्य कर रहा है तथा अन्य गिरफ्तार अभियुक्त भी अपनी पहचान छिपाकर फर्जी प्रोफाइल से गैंग के काम करते थे जिससे असल पहचान छिपाई जा सके।
1-126 विभिन्न बैंकों की चैकबुक एवं पासबुक
2-170 एटीएम०कार्ड
3-45 आधार कार्ड
4-27 पैन कार्ड
5-5 वोटर आईडी कार्ड
6-26 मोबाइल
7-3 अदद लैपटॉप
8-3 गाडी