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खजनी थाना परिसर में शनिवार को आयोजित संपूर्ण थाना समाधान दिवस में दूर-दराज़ से आए फरियादी घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई लोग फाइलें हाथ में लिए इधर-उधर अधिकारियों की तलाश में भटकते नजर आए। पढिए पूरी खबर
ख़जनी संपूर्ण समाधान दिवस का बुरा हाल
गोरखपुर: खजनी थाना परिसर में शनिवार को आयोजित संपूर्ण थाना समाधान दिवस में दूर-दराज़ से आए फरियादी घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई लोग फाइलें हाथ में लिए इधर-उधर अधिकारियों की तलाश में भटकते नजर आए। कई फरियादी मायूस होकर यह कहते सुने गए-“यहां हमारी सुनवाई कौन करेगा?”
क्या है पूरी खबर?
जानकारी के मुताबिक, सुबह से ही खजनी क्षेत्र के ग्रामीण अपनी-अपनी समस्याएं लेकर थाना पहुंचे थे। भूमि विवाद, पारिवारिक झगड़े, रास्ता अवरुद्ध, मारपीट, उत्पीड़न और पुलिस कार्रवाई में देरी जैसी शिकायतें लेकर आए लोगों को उम्मीद थी कि समाधान दिवस में उनकी फरियाद पर त्वरित कार्रवाई होगी। लेकिन अधिकारियों की अनुपस्थिति और धीमी प्रक्रिया ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी।
समाधान दिवस का उद्देश्य मौके पर निस्तारण
थाना परिसर में बैठे फरियादियों ने बताया कि वे कई-कई किलोमीटर पैदल, बाइक और सार्वजनिक वाहनों से यहां तक पहुंचे, लेकिन उनकी सुनवाई के लिए न अधिकारी मौजूद थे और न ही कोई स्पष्ट व्यवस्था दिखाई दी। बैठे बुजुर्गों ने कहा कि “कागज जमा कर दो, बाद में देखेंगे” जैसे जवाब मिल रहे हैं, जबकि समाधान दिवस का उद्देश्य मौके पर निस्तारण करना है।
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पूर्ण समाधान दिवस की मूल भावना प्रभावित
एक महिला फरियादी 65 वर्षीय जिलेब देवी निवासी नवर ताल ने कहा कि वह सुबह 9 बजे से बैठी हैं, लेकिन अब तक किसी ने उनकी अर्जी तक नहीं देखी। कई लोगों ने कहा कि समाधान दिवस सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही से संपूर्ण समाधान दिवस की मूल भावना प्रभावित हो रही है। लोग न्याय की उम्मीद लेकर यहां आते हैं, लेकिन निराश होकर लौट जाते हैं।
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समस्याओं का मौके पर निस्तारण
फरियादियों ने मांग की है कि समाधान दिवस को प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों की अनिवार्य मौजूदगी सुनिश्चित हो, समस्याओं का मौके पर निस्तारण किया जाए और व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए, ताकि ग्रामीणों को लगे कि उनकी आवाज सचमुच सुनी जा रही है।