DN Exclusive: जस्टिस सूर्यकांत का एजेंडा- भारत के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर इन बड़े मुद्दों पर होगा फोकस

भारत के अगले चीफ जस्टिस नामित किये गये जस्टिस सूर्यकांत ने शनिवार शाम को देश की राजधानी में सुप्रीम कोर्ट को कवर करने वाले सीनियर लीगल जर्नलिस्ट्स के साथ अनपौचारिक बातचीत की। पूरी जानकारी सिर्फ डाइनामाइट न्यूज़ पर।

Post Published By: Subhash Raturi
Updated : 22 November 2025, 8:06 PM IST
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New Delhi: भारत के चीफ जस्टिस नामित किये गये जस्टिस सूर्य कांत सोमवार को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ लेने वाले है। मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ लेने से एक दिन पहले जस्टिस सूर्य कांत शनिवार शाम को सीनियर लीगल जर्नलिस्ट्स के साथ एक अनौपचारिक बातचीत की। जस्टिस सूर्य कांत ने इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं और पत्रकारों के सवालों के भी जवाब दिए।

खास बातें - Dynamite News Exclusive

1. मीडिएशन कानूनी विवादों को निपटाने का बड़ा टूल: जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "मीडिएशन (मध्यस्थता) पेंडिंग केसों की बड़ी संख्या को कम करने के तरीकों में से एक है और वैकल्पिक विवाद समाधान न्यायिक सुधारों का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।”

2. जजों को सोशल मीडिया के दबाव से ऊपर रहना चाहिए: जस्टिस सूर्यकांत ने ज़ोर देकर कहा कि जजों को सोशल मीडिया ट्रोलिंग या किसी तरह की टिप्पणी के दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियल स्वतंत्रता सबसे ज़रूरी है।

3. विदेशी जज शपथ समारोह में शामिल होंगे: उन्होंने बताया कि उनके शपथ ग्रहण समारोह में कई विदेशी जजों के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्यूडिशियरी की दुनिया भर में बहुत इज़्ज़त है। उन्होंने इस तरह के अवसर आपसी सम्मान बढ़ाने और जानकारी के लेन-देन के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म देने में मदद करते हैं।

4. टॉप प्रायोरिटी: लंबित मामले और मीडिएशन: पेंडिंग मामलों की संख्या पर रोशनी डालते हुए, अगले सीजेआई ने कहा: “मेरा सबसे पहला एजेंडा अदालतों में लंबित मामलों को कम करना है। दो चीजें मेरी टॉप प्रायोरिटी में हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लंबित मामलों को कम करना और मीडिएशन का उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि 90,000 केस पेंडिंग होने के कारण, सबसे पहले पुराने मामलों को निपटाना ज़रूरी है। मीडिएशन, खासकर हाई कोर्ट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में, एक मुख्य समाधान हो सकता है।”

5. दिल्ली AQI की चिंताओं के बीच सुबह का रूटीन: दिल्ली की बिगड़ती एयर क्वालिटी से जुड़े एक सवाल के जवाब में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “मैं हर सुबह कम से कम एक घंटा टहलता हूँ।”

6. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: टेक्नोलॉजी पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “AI के अपने फायदे भी हैं और नुकसान भी। हम इसकी कमियों को पहचानेंगे। सुप्रीम कोर्ट ChatGPT जैसे टूल्स से हुई गलतियों से पैदा होने वाले मामलों की भी जांच करेगा।”

7. हाई कोर्ट बेंच की मांग पर: उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है, जहां पश्चिमी यूपी के लिये मेरठ में हाई कोर्ट बेंच की उठ रही मांग से जुड़े एक सवाल के जवाब मं उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने साफ किया कि यह मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और इसमें कई इंस्टीट्यूशनल स्टेकहोल्डर्स शामिल हैं।

8. राष्ट्रीय महत्व के मामले: उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय महत्व के मामलों की सुनवाई कभी भी की जा सकती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई सीनियर वकील पेश होता है या जूनियर वकील।”

9. विदेशी ज्यूडिशियल भागीदारी पर: जस्टिस सूर्यकांत ने कहा: “इंडियन ज्यूडिशियरी की दुनिया भर में बहुत इज़्ज़त है। ऐसे दौरे आपसी सम्मान दिखाते हैं और ज्ञान के लेन-देन को आसान बनाते हैं। उदाहरण के लिए, केन्या ने एक ज्यूडिशियल एकेडमी बनाने में दिलचस्पी दिखाई है। और MoUs – खासकर ज्यूडिशियल ट्रेनिंग में – साइन होने की संभावना है।”

 

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  • New Delhi

Published : 
  • 22 November 2025, 8:06 PM IST