

हरदोई के कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में शार्ट सर्किट से आग लग गई, बच्चों को सुरक्षित निकाला गया। अस्पताल में सुरक्षा उपकरणों की कमी पाई गई, जिसे बाद में सीज कर दिया गया।
आगजनी की घटना के बाद हॉस्पिटल सीज
Hardoi: उत्तर प्रदेश के हरदोई शहर के नघेटा रोड स्थित कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस हादसे में बच्चों की जान संकट में पड़ गई, लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से बच्चों को किसी तरह बचा लिया गया। अस्पताल में सुरक्षा उपकरणों की कमी और कुछ उपकरणों के खराब होने के कारण यह घटना और भी गंभीर हो गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिले सूत्रों के अनुसार, आग की घटना तीसरी मंजिल पर हुई थी। जब आग लगी, तो अस्पताल के कर्मचारी और मरीजों के परिजन घबराए हुए थे। कुछ स्थानीय लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए बच्चों को साड़ी से बांधकर तीसरी मंजिल से नीचे लटका दिया और फिर उन्हें सुरक्षित रूप से नीचे उतार लिया। इसके बाद इन बच्चों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया गया। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन बच्चों की जान को गंभीर खतरा जरूर हुआ।
नगर मजिस्ट्रेट का एक्शन
नगर मजिस्ट्रेट ने किया घटनास्थल का मुआयना
अस्पताल में फायर उपकरणों की कमी थी और जो कुछ उपकरण थे, वे भी खराब पाए गए। यह देखकर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। नगर मजिस्ट्रेट सुनील कुमार त्रिवेदी और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और अस्पताल के प्रबंधन की लापरवाही पर नाराजगी जताई। इस लापरवाही के चलते अस्पताल को सीज कर दिया गया।
सुरक्षा मानकों को लेकर उठे सवाल
अस्पताल में आगजनी की घटना के बाद सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यह घटना न केवल अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अगर स्थानीय लोग समय पर मदद नहीं करते, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। प्रशासन ने साफ किया कि अब से किसी भी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र को बिना उचित सुरक्षा मानकों के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय सीज
जल्द होगी अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
इस घटना के बाद से अस्पताल में बच्चे और उनके परिजनों में डर का माहौल बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना से बचा जा सके। फिलहाल, बच्चों को अन्य सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट किया जा चुका है और आग की घटना की जांच की जा रही है।