फतेहपुर: बिजली-पानी, खाद और गौशालाओं की दुर्दशा, भाकियू टिकैत गुट की मासिक बैठक, आंदोलन की चेतावनी

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) की मासिक बैठक बुधवार को नहर कॉलोनी परिसर में आयोजित की गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 25 June 2025, 4:35 PM IST
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फतेहपुर: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) की मासिक बैठक बुधवार को नहर कॉलोनी परिसर में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला प्रभारी मधुसूदन तिवारी ने की। बैठक में जिलेभर से बड़ी संख्या में किसानों और संगठन पदाधिकारियों ने शिरकत की। बैठक में किसानों की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की गई और आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।

मधुसूदन तिवारी ने कहा कि जिले में बिजली की हालत बदतर है। लगातार कटौती के चलते किसानों की धान की रोपाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। अगर तीनों एक्सईएन ने एक सप्ताह में बिजली व्यवस्था को नहीं सुधारा, तो भारतीय किसान यूनियन बिजली विभाग का घेराव करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान की एक कंपनी द्वारा खराब किस्म की डीएपी खाद उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे किसानों की फसलें खराब हो रही हैं और सरकार चुप है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रदेश सचिव रामदत्त मिश्रा ने नहरों में पानी की आपूर्ति बाधित होने और गौशालाओं में चारे की भारी कमी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जिले की अधिकतर गौशालाओं में भूख से गायें दम तोड़ रही हैं। यदि जिम्मेदार अधिकारियों ने निरीक्षण कर व्यवस्था में सुधार नहीं किया, तो यूनियन व्यापक आंदोलन करेगी।

मध्याचल मंडल उपाध्यक्ष ज्ञान सिंह गौर ने जल जीवन मिशन योजना की खामियों को उजागर करते हुए कहा कि गांवों में बनाए गए ट्यूबवेल और पानी की टंकियां केवल दिखावटी हैं। न कहीं पाइपलाइन बिछाई गई और न ही कहीं पानी की आपूर्ति हो रही है। इससे सरकार की मंशा और बजट दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में डीएपी और यूरिया की भारी किल्लत है। समितियों में खाद नहीं मिल रही, जिससे किसान बुआई नहीं कर पा रहे।

बैठक में जिला उपाध्यक्ष रामआसरे यादव, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष रिकी जायसवाल, ब्लॉक अध्यक्ष शिवबाबू शर्मा, गुड्डू यादव, दीपेंद्र सिंह, मनोज यादव, लाल सिंह, दुर्गी सिंह, धर्मपाल, श्यामलाल गुधा, राजेश दीक्षित समेत कई पदाधिकारी और किसान मौजूद रहे। बैठक के अंत में तय हुआ कि यदि प्रशासन ने समस्याओं का हल नहीं निकाला, तो जल्द ही किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

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