

फतेहपुर में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति तोड़ने और जमीन कब्जाने का मामला गरमा गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
फतेहपुर: जिले के थरियांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम फरीदपुर में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति तोड़ने और अनुसूचित जाति के एक परिवार की जमीन पर जबरन कब्जा करने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित फूलचन्द्र पुत्र राधेलाल, जो चमार समुदाय से हैं, ने आरोप लगाया कि गांव के कुछ दबंगों ने उनके पुश्तैनी आवास पर तोड़फोड़ करते हुए अंबेडकर जी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया और धमकी देकर जमीन पर कब्जे की कोशिश की।
पीड़ित फूलचंद्र के अनुसार, उनके मकान के सहन में वर्ष 2015 से बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की मूर्ति स्थापित थी, जो सामाजिक सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक थी। 2 जून 2025 को गांव के ही दिनेश मौर्य पुत्र रघुराज, और उनके बेटे राहुल व अनुज ने जेसीबी मशीन से सहन में लगे नीम के पेड़ को उखाड़ फेंका। इस दौरान अंबेडकर की मूर्ति का हाथ टूट गया, जिससे गांव में भारी आक्रोश फैल गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार फूलचंद्र ने बताया कि जब उन्होंने विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें जातिगत आधार पर गाली दी, जान से मारने की धमकी दी और भूमि पर जबरन कब्जा करने की बात कही। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 1 जून को कानूनगो व लेखपाल द्वारा भूमि की पैमाइश के बाद ही यह हमला किया गया। इसी दौरान आरोपियों ने उनका छप्पर भी ढहा दिया, जिससे उन्हें करीब 25 हजार रुपये का नुकसान हुआ।
पीड़ित ने शुक्रवार को जिले के डीएम को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि यह सिर्फ निजी संपत्ति का मामला नहीं है, बल्कि सामाजिक और जातीय सम्मान पर हमला है। गांव के अन्य लोगों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से तत्काल एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
डीएम कार्यालय ने मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो वे धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे। मामला अब क्षेत्रीय राजनीति और सामाजिक संगठनों के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।
घटना को लेकर ग्रामीणों में खासा रोष जिसको लेकर ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते हुए डीएम को ज्ञापन भी सौंपा हैं, साथ ही आृने वाले समय में आंदोलन की चेतावनी भी दी हैं।