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एटा में चुनावी प्रक्रिया पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने की अहम बैठक की। मतदाता सूची की त्रुटियों को ठीक करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए। बीएलओ और बीएलए को समन्वय बैठकों का आदेश और गणना प्रपत्रों की डिजिटाइजेशन में शत-प्रतिशत सफलता पर चर्चा की गई।
एटा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी की बैठक
Etah: उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने एटा में जिले के सभी निर्वाचन अधिकारियों के साथ गणना प्रपत्रों के संग्रह और डिजिटाइजेशन कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान, उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य की निगरानी की और इसे सटीक और त्रुटिरहित बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे 2003 की मतदाता सूची में दर्ज सभी मतदाताओं की सही मैपिंग सुनिश्चित करें। इसके लिए विशेष रूप से गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य की पूरी निगरानी की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को अपने बूथ के बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) के साथ मिलकर समन्वय बैठक आयोजित करनी होगी, ताकि सभी मुद्दों पर चर्चा और समाधान हो सके।
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रिणवा ने निर्देश दिए कि जिन मतदाताओं को अनुपस्थित, मृतक, डुप्लीकेट, शिफ्टेड और अनट्रेस्ड श्रेणियों में चिह्नित किया गया है, उनकी पुनः जांच की जाए। इसके लिए बीएलए का पूरा सहयोग लिया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि इस कार्य में कोई गलती न हो। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य में पूरी पारदर्शिता और तत्परता दिखानी चाहिए।
गहन पुनरीक्षण कार्य पर जोर (Img- Google)
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में अब तक गणना प्रपत्रों के वितरण का कार्य 99.91 प्रतिशत और डिजिटाइजेशन का कार्य 91.98 प्रतिशत पूरा किया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद एटा, आजमगढ़ और औरैया ने शत-प्रतिशत कार्य पूरा किया है। प्रदेश के 27 विधानसभा क्षेत्रों में भी गणना और डिजिटाइजेशन का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है, और 81,828 बीएलओ द्वारा डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा कर लिया गया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एसआईआर के तहत गणना चरण की अंतिम तिथि 11 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। जिन मतदाताओं ने गणना प्रपत्र भरकर बीएलओ को सौंप दिया है, उनके नाम 16 दिसंबर 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे। इस प्रक्रिया से सभी मतदाता जिनका नाम सूची में नहीं था, उन्हें भी आगामी चुनाव में मतदान का अवसर मिलेगा।