

महिला जिला अस्पताल में बच्चों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अस्पताल प्रशासन के इस नए आदेश से मरीजों के परिजन असहज और परेशान हैं। सीएमएस का कहना है कि यह कदम संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी है।
अस्पताल के बाहर बैठे बच्चे
Raebareli: जिला महिला अस्पताल, रायबरेली में अचानक लागू किए गए एक आदेश ने मरीजों के तीमारदारों की चिंता बढ़ा दी है। अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका (सीएमएस) द्वारा जारी निर्देश के तहत अब अस्पताल परिसर में छोटे बच्चों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस आदेश का असर सबसे ज्यादा उन परिवारों पर पड़ रहा है, जो इलाज के लिए बच्चों को साथ लेकर आते हैं। कई मामलों में महिलाएं जब अस्पताल में भर्ती होती हैं, तो उनके साथ परिवार का कोई सदस्य और छोटा बच्चा भी आता है। लेकिन नए नियमों के कारण अब ऐसे बच्चे अस्पताल के बाहर घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं।
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दरअसल, जिला महिला अस्पताल की सीएमएस ने नया आदेश जारी करते हुए अस्पताल परिसर में बच्चों के प्रवेश पर रोक लगा दी। इस फैसले से मरीजों और उनके तिमारदारों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
शहर निवासी अरुणेश कुमार तिवारी का कहना है कि उनका मरीज पिछले तीन दिनों से अस्पताल में भर्ती है। मरीज की देखरेख के लिए मां अंदर मौजूद है, जबकि साथ आया बच्चा बाहर रुकने को मजबूर है। इस समस्या को लेकर उन्होंने 1090 और 112 हेल्पलाइन पर शिकायत भी दर्ज कराई है।
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अरुणेश ने बताया कि अस्पताल प्रशासन के इस फैसले से उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा, "बच्चा बाहर है और मां मरीज की देखभाल कर रही है, ऐसे में हम दोनों तरफ से परेशान हो रहे हैं।"
इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से फोन पर बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पताल में बच्चों को लाने पर रोक, संक्रमण और वायरस के फैलाव को रोकने के उद्देश्य से लगाई गई है। वहीं, सीएमएस का भी कहना है कि यह कदम मरीजों और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। हालांकि परिजनों का कहना है कि अचानक लागू किए गए इस आदेश से उन्हें गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।