हिंदी
रायबरेली में डीएम हर्षिता माथुर की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की टास्क फोर्स बैठक आयोजित की गई, जिसमें डिजिटल लाइब्रेरी, टाइलीकरण, मिड-डे मील, बाउंड्री वॉल और शैक्षिक सुधारों की समीक्षा की गई। कार्य में देरी पर डीसी (निर्माण) का 7 दिन का वेतन रोका गया। विद्यालयों में सुरक्षा, स्वच्छता और छात्र सुविधाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
रायबरेली में शिक्षा सुधारों की बड़ी समीक्षा
Raebareli: रायबरेली जिले में बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता सुदृढ़ करने और विद्यालयों में संचालित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा हेतु जिला बेसिक शिक्षा विभाग की टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने की। इस बैठक में जनपद के विद्यालयों में चल रही शैक्षिक गतिविधियों, डिजिटल लाइब्रेरी, कौशल आधारित विद्यालय, बाउंड्री वॉल निर्माण, विद्युतीकरण, विद्यालयों में टाइलीकरण, शिक्षण संकुल और मिड-डे मील व्यवस्था जैसे प्रमुख सूचकांकों पर विस्तृत समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने बैठक के दौरान निर्देशित किया कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों के हित में संचालित सभी कार्यक्रम समयबद्ध ढंग से पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों, डिजिटल माध्यमों और नवीन शैक्षिक तरीकों को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि ब्लॉक स्तर से लेकर विद्यालय स्तर तक नियमित मॉनिटरिंग की जाए, ताकि लक्ष्य प्राप्ति की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
Kannauj: खेत में एक नहीं 3-3 अजगर देखकर दंग रह गए किसान, वन विभाग ने किया रेस्क्यू
बैठक के दौरान डीएम ने उन कार्यों की भी समीक्षा की, जिनके संबंध में पिछली बैठक में विशेष निर्देश दिए गए थे। जिलाधिकारी ने बताया कि डीसी (निर्माण) को विद्यालयों में टाइलीकरण कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन प्रगति अपेक्षित नहीं रही। कार्य में देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम हर्षिता माथुर ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया कि डीसी (निर्माण) सत्यम पटेल का सात दिन का वेतन रोका जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शिक्षा से जुड़े विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं सुविधा सुनिश्चित करने के लिए विद्यालयों में आवश्यक व्यवस्थाओं को प्राथमिकता दी जाए। मिड-डे मील की गुणवत्ता, शौचालयों की साफ-सफाई, पेयजल उपलब्धता, विद्यालय परिसरों की बाउंड्री वॉल एवं विद्युतीकरण जैसी बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए गए।
मैनपुरी ASP अरुण कुमार सिंह एक्टिव मोड में दिखे, जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए सड़कों पर घूमे
इसके साथ ही डीएम ने सभी बीईओ को निर्देशित किया कि वे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों का व्यापक निरीक्षण करें और छात्राओं को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। छात्रावासों के निर्माण कार्य समय से पूर्ण किए जाएं तथा कार्य की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए, इस पर भी विशेष बल दिया गया।
बैठक में मौजूद अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने हेतु शिक्षण संकुल की भूमिका को मजबूत किया जाए और नियमित शिक्षण-अधिगम की समीक्षा की जाए। डीएम ने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंजूलता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल सिंह, डीआईओएस संजीव सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्येंद्र कुमार, जिला विकास अधिकारी अरुण कुमार, डीसी मनरेगा, परियोजना से पल्लवी, बीईओ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
टास्क फोर्स बैठक के माध्यम से अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया गया कि विद्यालयों की स्थिति को बेहतर बनाने के प्रयासों में किसी भी तरह की कमी स्वीकार्य नहीं है और सभी कार्य निर्धारित समय में पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं।