

महराजगंज जिले के कोल्हुई क्षेत्र में सुदखोरों का संगठित गिरोह सक्रिय है। ये लोग मोटे ब्याज पर कर्ज देकर स्थानीय लोगों का आर्थिक और सामाजिक शोषण कर रहे हैं। प्रशासन की निष्क्रियता के चलते यह अवैध धंधा फल-फूल रहा है। नेपाल की खुली सीमा और वहां संचालित जुआघरों ने कोल्हुई के युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
कोल्हुई क्षेत्र
Mahrajganj: भारत-नेपाल सीमा के निकट कोल्हुई क्षेत्र में सुदखोरों ने अपना जाल फैला रखा है। ये सुदखोर स्थानीय लोगों को मोटे ब्याज पर कर्ज देते हैं। कर्ज न चुका पाने की स्थिति में ये लोग बाइक छीन लेते हैं और घर जाकर पीड़ितों को प्रताड़ित करते हैं। यह अवैध धंधा क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक संकट को बढ़ा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कोल्हुई में सुदखोरों का संगठित गिरोह सक्रिय है, जो नेपाल के कसीनो में जुआ खेलने के लिए लोगों को पैसा देता है। ये सुदखोर सादा चेक लेकर मोटे ब्याज पर पैसे उधार देते हैं। ब्याज की दर इतनी अधिक होती है कि कर्जदार जल्द ही कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि 10,000 रुपये के कर्ज पर महीने में 2,000 से 5,000 रुपये तक ब्याज वसूला जाता है। इस तरह की लूट ने कई परिवारों को आर्थिक तंगी में धकेल दिया है।
बाइक छीनने और प्रताड़ना की घटनाएं
जब कर्जदार समय पर पैसे नहीं चुका पाते, तो सुदखोर उनकी बाइक छीन लेते हैं। इतना ही नहीं, ये लोग कर्जदारों के घर जाकर उन्हें धमकाते और प्रताड़ित करते हैं। कई मामलों में परिवारों को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया है। कोल्हुई में कई पीड़ितो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सुदखोरों ने उसकी बाइक जब्त कर ली और घर पर धमकी दी, जिससे उसका परिवार डर के साये में जी रहा है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
यह अवैध धंधा लंबे समय से चल रहा है और कई बार मामला थाने तक पहुंच चुका है। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई सीमित रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुदखोरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की कमी के कारण यह धंधा बेरोकटोक फल-फूल रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ मामलों में सुदखोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन संगठित गिरोह होने के कारण वे बच निकलते हैं।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस सुदखोरी और जुआ के जाल ने कोल्हुई और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक ताने-बाने को कमजोर किया है। कई परिवार कर्ज के बोझ तले दब गए हैं, जिससे घरेलू हिंसा और सामाजिक तनाव बढ़ रहा है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से इस अवैध धंधे पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
नेपाल सीमा के निकट कोल्हुई में सुदखोरों का यह जाल न केवल आर्थिक शोषण का कारण बन रहा है, बल्कि सामाजिक स्थिरता को भी खतरे में डाल रहा है। प्रशासन और पुलिस को इस संगठित अपराध पर तत्काल अंकुश लगाने की जरूरत है, ताकि निर्दोष लोगों को इस जाल से बचाया जा सके।