

जिलाधिकारी ने कहा कि पंचायत उन्नति सूचकांक न केवल पंचायतों के विकासात्मक प्रगति का मूल्यांकन करता है, बल्कि डेटा-संचालित शासन को बढ़ावा देता है
महराजगंज: जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में आज एक अहम कार्यशाला का आयोजन हुआ, जिसमें राष्ट्रीय पंचायत उन्नति सूचकांक 2.0 (PAI 2.0) के तहत जिलास्तरीय अधिकारियों व मीडियाकर्मियों को संवेदीकरण किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि देश को प्रगति की ओर ले जाना है, तो सबसे पहले ग्राम पंचायतों को मजबूत करना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि पंचायत उन्नति सूचकांक न केवल पंचायतों के विकासात्मक प्रगति का मूल्यांकन करता है, बल्कि डेटा-संचालित शासन को बढ़ावा देता है और पंचायतों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को पहचान दिलाता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि PAI 2.0 की प्रश्नावलियों को भलीभांति समझें और हर ब्लॉक से न्यूनतम पांच उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों का चयन कर उनका सीधा पर्यवेक्षण करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी विभाग टीम भावना से कार्य करें और ग्राम पंचायतों को सूचकांक के सभी मानकों पर "संतृप्त" करने के लिए मिलकर ठोस प्रयास करें। इसके लिए संबंधित बीडीओ को नेतृत्वकारी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने जिला पंचायतीराज अधिकारी (DPRO) को निर्देशित किया कि ब्लॉकवार प्रशिक्षण प्रभावी ढंग से कराया जाए और उसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, जिलाधिकारी ने कहा कि धरातल पर योजनाओं का क्रियान्वयन और सटीक डेटा फीडिंग बेहद आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को PAI 2.0 के महत्व से संवेदित करें ताकि इसकी वास्तविक भावना धरातल तक पहुंचे।
इससे पहले DPRO श्रेया मिश्रा ने PAI 1.0 के निष्कर्ष, जनपद के प्रदर्शन और PAI 2.0 के उद्देश्यों, रणनीतियों और मूल्यांकन बिंदुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार ODF प्लस, हर घर जल, मनरेगा में नियोजन, शिकायत निवारण प्रणाली जैसे पैमानों पर ग्राम पंचायतों का मूल्यांकन किया जाएगा।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन, डीएफओ निरंजन सुर्वे, सीएमओ डॉ. श्रीकांत शुक्ला, डीडीओ बीएन कन्नौजिया, परियोजना निदेशक रामदरश चौधरी, और जिला सूचना विज्ञान अधिकारी मनोज कुमार समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।