

देवरिया में पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने कर्तव्य में लापरवाही बरतने पर एक उपनिरीक्षक और एक मुख्य आरक्षी को निलंबित कर दिया। लार थाना में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों पर उदासीनता के आरोप लगे हैं। एसपी ने मामले की विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं।
पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर
Deoria: जनपद देवरिया में पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने कड़ा रुख अपनाते हुए कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले दो पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में उपनिरीक्षक संकल्प सिंह राठौर (पीएनओ 194110527) और मुख्य आरक्षी सुनील सिंह (पीएनओ 112130031) शामिल हैं, जो कि थाना लार, देवरिया में तैनात थे। दोनों पर अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और उदासीनता बरतने के गंभीर आरोप हैं।
पुलिसकर्मियों को दिए गए जांच के आदेश
एसपी कार्यालय से जारी सूचना के अनुसार, दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं, ताकि आरोपों की गहराई से जांच कर उचित दंड निर्धारित किया जा सके। एसपी विक्रांत वीर ने स्पष्ट किया है कि पुलिस बल में अनुशासनहीनता और कर्तव्य विमुखता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में इस तरह की और भी सख्त कार्रवाइयां की जा सकती हैं। इस कार्रवाई से देवरिया के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि देवरिया जिले के लार थाना क्षेत्र में एक किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म मामले में पुलिस की लापरवाही भारी पड़ गई है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने इस गंभीर प्रकरण में समय पर कार्रवाई न करने और विवेचना को हल्के में लेने के कारण थाना लार में तैनात उप निरीक्षक संकल्प सिंह राठौर (पीएनओ 194110527) एवं मुख्य आरक्षी सुनील सिंह (पीएनओ 112130031) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही दोनों के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
यह कार्रवाई उस समय हुई जब दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने सीधे SP से मुलाकात कर पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत की। परिजनों का आरोप था कि उन्होंने कई बार थाना स्तर पर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और पीड़िता की बात को अनसुना किया गया।
SP विक्रांत वीर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच में यह सामने आया कि उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी ने न केवल विवेचना में लापरवाही की, बल्कि पीड़िता के आरोपों को भी पर्याप्त संवेदनशीलता से नहीं लिया। इस गैरजिम्मेदाराना रवैये को देखते हुए SP ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। कई अधिकारियों ने इसे एक सख्त संदेश के रूप में देखा है कि महिला अपराधों को लेकर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।