

मुजफ्फरनगर पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपी बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये का फ्रॉड कर रहे थे, मामले की जांच जारी है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
Muzaffarnagar: साइबर थाने की महिला पुलिस टीम ने बीए बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स के थर्ड ईयर के छात्र दीपक जाखड़ को राजस्थान के गंगानगर एयरपोर्ट स्टेशन से गिरफ्तार किया है। दीपक पर आरोप है कि उसने अपने गैंग के साथ मिलकर मुजफ्फरनगर के रिटायर्ड इंजीनियर आर के गोयल से डिजिटल अरेस्ट कर 33 लाख 35 हजार रुपए की ठगी की। इस गैंग ने खुद को ईडी, सीबीआई और न्यायिक अधिकारी बताकर पीड़ित को डराया-धमकाया और 77 अलग-अलग बैंक खातों के जरिए बड़ी रकम ऐंठी।
एसएसपी मुजफ्फरनगर संजय कुमार वर्मा के निर्देश पर एसपी क्राइम इंदु सिद्धार्थ के नेतृत्व में चल रही जांच में साइबर क्राइम टीम ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद गैंग के दो सदस्यों निखिल गोयल और हरप्रीत उर्फ हर्ष को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब गैंग के तीसरे सदस्य दीपक जाखड़ को भी पकड़ा गया है। उसके कब्जे से आईफोन, बैंक पासबुक, एटीएम और डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 27, 2025
पूछताछ में दीपक ने बताया कि उसे राहुल भम्भू नाम के व्यक्ति ने ट्रेडिंग के नाम पर पैसे कमाने का लालच दिया। दीपक ने अपनी और अपने परिचितों की आईडी व आधार कार्ड से बैंक खाते खुलवाए और उनके जरिए फर्जी लेन-देन करवाए। दीपक को प्रत्येक खाते के लिए 12 से 15 हजार रुपये मिलते थे। अमित और विशाल चौधरी नाम के दो अन्य सदस्य भी इस गैंग में शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
गैंग पिछले छह महीनों से यह कार्य कर रही थी। दीपक के द्वारा खुलवाए गए खातों की जांच में पता चला कि इन खातों से 7 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। पूछताछ में दीपक ने बताया कि अब तक उसने लगभग 15 लाख रुपए निकाल लिए हैं, जिनके ठोस सबूत पुलिस के पास हैं।
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एसपी क्राइम इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि यह एक जटिल और बड़ा साइबर धोखाधड़ी मामला है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने 72 खातों का विश्लेषण किया है और आरोपी को राजस्थान के गंगानगर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने साइबर थाने की महिला टीम की मेहनत की प्रशंसा की, जिन्होंने तकनीकी सबूत जुटाकर गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरोपियों ने न्यायिक अधिकारी और सरकारी एजेंसियों का नाम लेकर लोगों को डराकर करोड़ों रुपए की ठगी की। पुलिस अब बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।