Chitrakoot News: ऑनलाइन हाजिरी पर खर्च हुआ करोड़ों रुपये, शिक्षक क्यों कर रहे है विरोध, जानिए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में विद्यालयों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए विभाग ने पांच करोड़ रुपये खर्च किए है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 10 May 2025, 10:50 AM IST
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चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में परिषदीय विद्यालयों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए विभाग ने करीब पांच करोड़ रुपये खर्च किए है। इस महंगे प्रयासों के बाद भी अभी तक ऑनलाइन हाजिरी नही लग पा रहा है। शिक्षक इसके विरोध में खड़े है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विभाग का मानाना है कि टाबलेट और प्रेरणा एप के जरिए शिक्षकों का कार्य सुगम बनाने का प्रयास किया गया है, लेकिन विरोध के कारण यह योजना सफल नही हो पा रही है।

टैबलेट और रिचार्ज पर हो रही है लाखों की लागतखान

इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य़ परियोजना के तहत 1874 टैबलेटट विद्यालयों को वितरित किए गए थे। पहले चरण में 811 स्कूलों को यह टैबलेट दिए गए थे। जिससे जिले में कुल प्राथमिक,उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों की संख्या 1262 है। दूसरे चरण में 628 टैबलेट आए थे। जिन्हे लगभग एक सप्ताह पहले ही शेष 451 स्रकूलों में वितरितल किया गया। प्राथमिक स्कूलों में एक टैबलेट, जबकि उच्च प्राथमिक और कंपेजिट विद्यालयों में दो-दो टैबलेट वितरित किए गए है। इन टैबलेट के माध्य़म से शिक्षकों को सुबह और शाम ऑनलाइन हाजिरी लगाने का निर्देश है। शासन हर महीने टैबलेट के रिचार्ड के लिए करीब 200 रुपये का खर्च भी कर रहा है। जिससे सरकार के प्रयासों पर खर्च का बोझ बढ़ रहा है।

शिक्षक विरोध के कारण ऑनलाइन हाजिरी नहीं लग रही

शिक्षकों का कहना है कि टैबलेट का उपयोग केवल प्रेरणा एप के कार्यों के लिए किया जा रहा है। वे ऑनलाइन हाजिरी लगाने से इनकार कर रहे हैं। शिक्षक विरोध का मुख्य कारण यह है कि उन्हें यह प्रणाली सुविधाजनक नहीं लग रही है और वे इसे अनावश्यक मानते हैं। इसके अलावा, रिचार्ज के नाम पर हर माह धनराशि खर्च होने से भी शिक्षक नाराज हैं। इससे सरकार का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है और कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

खानप्रेरणा एप और अनेय कार्यों में टैबलेट का उपयोग जारीखान

बीएसए बीके शर्मा का कहना है कि सभी स्कूलों में टैबलेट पहुंच गए है और शिक्षकों के विरोध के बावजूद प्रेरणा एप सहित अन्य़ कार्य टैबलेट से रही कराए जा रहे है। इलमें डीबीटी और एसडीएम की की फीडिंग कार्य भी शीमिल है। बीएसए का ये भी कहना है कि शिक्षक हाजिरी नही लगा रहे हैय।

सरकार का प्रयास और शिक्षक का विरोध

इस मांमले में सरकार का मानना है कि यह योजना के कार्य को आयान बनाने के उद्देश्य से शुरु की गई थी। इस योजना का विरोध होने की वजह से पूरी तरह से सफल नही हो पायाय़ सरकार को चाहिए कि शिक्षक संगठनों के साथ संवाद कर समस्या का सामाधान निकानें ताकि योजना का उदद्श्य पूरा हो सके और स्कूलों में कार्यवाही सुगम हो सके। वर्तमान में हजारों रुपये खर्च होने  के बावजूद भी ऑनलाइन हाजिरी का कार्य बाधित है।

 

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