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पटाखा मंडी में विनाशकारी आग लगने की घटना को पूरे 50 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रभावित पटाखा व्यापारियों को न तो कोई आर्थिक सहायता मिली है और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस राहत।
पटाखा व्यापारियों की स्थिति बदतर
फतेहपुर: पटाखा मंडी में विनाशकारी आग लगने की घटना को पूरे 50 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रभावित पटाखा व्यापारियों को न तो कोई आर्थिक सहायता मिली है और न ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस राहत। सोमवार को पीड़ित व्यापारियों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन केवल भरोसा देकर उन्हें गुमराह कर रहा है, जबकि उनकी स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।
व्यापारियों ने बताया कि आगजनी की घटना ने उनका वर्षों का बना कारोबार एक ही रात में तबाह कर दिया। लाखों रुपये का माल जलकर राख हो गया, जिसके चलते वे गहरे कर्ज में डूब गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन ने घटना के बाद सर्वे और रिपोर्ट की बात तो की, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं पहुंचाई गई। उल्टा बैंक और वित्तीय संस्थान लोन की वसूली को लेकर व्यापारियों पर लगातार दबाव बना रहे हैं।
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पीड़ित व्यापारियों ने आरोप लगाया कि आग से हुए नुकसान के बाद उनके पास दोबारा व्यवसाय शुरू करने के लिए पूंजी तक नहीं बची है। ऐसी आर्थिक तंगी में भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समस्या सुनने की बजाय उन्हें सिर्फ इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। इससे व्यापारियों में भारी नाराजगी है। कई व्यापारियों ने कहा कि वे आज भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं और अपने परिवार के भरण-पोषण तक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
व्यापारियों ने यह भी खुलासा किया कि कर्ज देने वाले कुछ व्यापारी और निजी फाइनेंसर उनके घरों तक पहुंचकर धमकियां दे रहे हैं। पैसे वापस न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी जा रही है। भय और दबाव के इस माहौल में कई व्यापारी मानसिक रूप से टूटते जा रहे हैं। कुछ ने तो यहां तक कहा कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो व्यापारी वर्ग आत्महत्या जैसे चरम कदम उठाने को मजबूर हो सकता है।
व्यापारियों ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर जल्द ही राहत, मुआवजा या पुनर्वास की ठोस व्यवस्था नहीं की गई तो किसी भी अनहोनी की जिम्मेदारी पूरी तरह अधिकारियों की होगी। उन्होंने कहा कि 50 दिनों में जो सहयोग मिलना चाहिए था, उसका नाम तक नहीं दिखा। ऐसे में वे अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि तत्काल राहत राशि दी जाए और लोन पर अस्थायी रोक लगाई जाए, ताकि वे दुबारा अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
इस दौरान दीपक कश्यप, राजन साहू, प्रदीप गुप्ता, मशरम अली, आरिफ, सतीश चन्द्र, मनीष अवस्थी, पुत्तुलाल, आदित्य राज सिंह, संजू श्रीवास्तव, राजन मिश्रा, शिवम गुप्ता, सुनील शिवहरे, वैभव मिश्रा, पंकज कुमार सहित कई व्यापारी मौजूद रहे और उन्होंने एकजुट होकर अपनी समस्याओं को सामने रखा।