

सरकारी अस्पतालों में दलालों का बोलबाला कोई नई बात नहीं रही, लेकिन इस बार जिला महिला अस्पताल से जुड़े गंभीर प्रकरण ने पूरे स्वास्थ्य महकमे को झकझोर कर रख दिया है। वर्षों से चले आ रहे इस ‘दलाली सिस्टम’ पर अब जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बड़ी कार्रवाई की पहल की है।
मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने कार्यवाही के दिए आदेश
Maharajganj: सरकारी अस्पतालों में दलालों का बोलबाला कोई नई बात नहीं रही, लेकिन इस बार जिला महिला अस्पताल से जुड़े गंभीर प्रकरण ने पूरे स्वास्थ्य महकमे को झकझोर कर रख दिया है। वर्षों से चले आ रहे इस ‘दलाली सिस्टम’ पर अब जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने बड़ी कार्रवाई की पहल की है। मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में भेजने के मामले में दो निजी अस्पतालों और कुल 9 लोगों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें जिलाधिकारी ने सीएमओ श्रीकांत शुक्ला को कार्रवाई हेतु सौंपा है।
वीडियो और डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, जिलाधिकारी को लंबे समय से इस गोरखधंधे की जानकारी मिल रही थी। उन्होंने निगरानी के निर्देश भी दिए थे और अंततः सबूतों के साथ दलालों का खेल उजागर कर दिया गया। डीएम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में गोल्ड हॉस्पिटल और जनता हॉस्पिटल के नाम हैं।
गोल्ड हॉस्पिटल से जुड़े
सत्येंद्र मधुकर
निखिलेश मधुकर
एक अज्ञात व्यक्ति
जनता हॉस्पिटल से जुड़े
रामचरण पटेल
सिकंदर
रामचंद्र
छोटेलाल कुशवाहा
दो आशा कार्यकर्ता – पार्वती और ऊषा
इन सभी पर यह आरोप है कि ये लोग जिला महिला अस्पताल और पुरुष अस्पताल में सक्रिय रहते हैं, और वहां आने वाले मरीजों को बहकाकर निजी अस्पतालों तक ले जाते हैं। वहां इलाज के नाम पर उनसे भारी रकम वसूली जाती है।
स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप, जांच समिति गठित
डीएम द्वारा जैसे ही नामों की सूची सीएमओ को सौंपी गई, पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आमतौर पर यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होती है, लेकिन बार-बार की अनदेखी के चलते जिलाधिकारी को स्वयं हस्तक्षेप करना पड़ा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्रीकांत शुक्ला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों।