बरेली: भाकियू का बहेड़ी में रोड शो, किसानों के मुद्दों पर भरी हुंकार

बरेली के बहेड़ी में भाकियू (भानु) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु के नेतृत्व में भव्य रोड शो निकाला। किसान नेताओं ने किसान आयोग के गठन और किसानों के संपूर्ण कर्जमाफी की मांग उठाई। नए पदाधिकारियों की घोषणा की।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 27 December 2025, 4:06 AM IST
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Bareilly: बरेली जिले के बहेड़ी क्षेत्र में किसान आंदोलन की गूंज साफ सुनाई दी। जब भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु और प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक रोड शो का आयोजन किया गया। सैकड़ों किसानों और समर्थकों की मौजूदगी में रोड शो निकला। कार्यक्रम के दौरान संगठन के नवनियुक्त पदाधिकारियों की भी घोषणा की गई। तराई क्षेत्र से ठाकुर अमर सिंह को प्रदेश अध्यक्ष, ठाकुर अनुज सिंह को प्रदेश अध्यक्ष युवा तराई और ज़ुबैर सिद्दीकी को प्रदेश उपाध्यक्ष तराई बनाया गया।

रोड शो से विचार गोष्ठी तक

रोड शो नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ बहेड़ी के एक निजी बैंकट हॉल में पहुंचा। जहां संगठन की ओर से किसान हितों को लेकर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान मंच से किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि अब सिर्फ वादों से काम नहीं चलेगा, बल्कि किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस और ईमानदार फैसले लेने होंगे। नेताओं ने दो टूक कहा कि भारतीय किसान यूनियन (भानु) राष्ट्रवादी विचारधारा वाला संगठन है। यह हमेशा देश, किसान और संविधान के दायरे में रहकर संघर्ष करता आया है।

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किसान आयोग और कर्जमाफी की मांग

सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन का जिक्र करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के लिए एक स्वतंत्र किसान आयोग का गठन किया जाना चाहिए। जिसमें अध्यक्ष और सभी सदस्य किसान हों, न कि राजनेता। इसके साथ ही पिछले 75 वर्षों की नीतियों के कारण किसानों पर चढ़े संपूर्ण कर्ज को माफ करने की मांग भी जोरदार तरीके से उठाई गई। नेताओं का कहना था कि जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ हो सकता है तो किसानों को राहत क्यों नहीं।

शहीदों के सम्मान पर जोर

किसान नेताओं ने शहीदों के सम्मान को लेकर भी सरकार से स्पष्ट मांग रखी। उन्होंने कहा कि चाहे किसान हो, पत्रकार हो, पुलिसकर्मी हो या फिर सेना, वायुसेना, नौसेना और अर्धसैनिक बलों का जवान, जो भी देश सेवा में शहीद होता है। उसे पूरा सम्मान और उचित मुआवजा मिलना चाहिए। जिस तरह पुलिसकर्मियों, पत्रकारों और सैनिकों के परिवारों को सहायता दी जाती है। उसी तरह दुर्घटना में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को भी सम्मानजनक सहायता मिलनी चाहिए।

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निजीकरण का विरोध

कार्यक्रम में किसानों के लिए सिंचाई हेतु बिजली पूरी तरह माफ करने की मांग की गई। साथ ही सरकारी विभागों के निजीकरण का खुलकर विरोध किया गया। नेताओं ने कहा कि निजीकरण न तो किसानों के हित में है और न ही आम जनता के। मंच से चेतावनी दी गई कि किसान शांतिप्रिय जरूर है लेकिन अपने अधिकारों के लिए मजबूती से खड़ा होना भी जानता है। जो भी किसानों से टकराएगा, उसे लोकतांत्रिक तरीके से करारा जवाब मिलेगा।

Location : 
  • Bareilly

Published : 
  • 27 December 2025, 4:06 AM IST