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गौतमबुद्ध नगर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का काम पूरा हो गया है। 18.65 लाख मतदाताओं के सत्यापन में 4.48 लाख नाम काटे गए हैं, जबकि 1.84 लाख मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे।
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Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR अभियान का काम शुक्रवार को पूरा हो गया। इस दौरान मतदाता सूची की ऐसी सख्त जांच हुई, जिसमें लाखों नामों का सत्यापन हुआ और बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से बाहर कर दिए गए। प्रशासन के आंकड़े साफ संकेत दे रहे हैं कि जिले में बड़ी तादाद में मतदाता या तो स्थानांतरित हो चुके हैं, या फिर अब इस दुनिया में नहीं हैं। इस प्रक्रिया के बाद वोटर लिस्ट की तस्वीर पूरी तरह बदलती नजर आ रही है।
18.65 लाख मतदाताओं का हुआ सत्यापन
जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची में शामिल कुल 18 लाख 65 हजार 673 मतदाताओं का सत्यापन किया गया। इनमें से 14 लाख 17 हजार 669 मतदाताओं ने अपने फॉर्म जमा किए, जो कुल संख्या का 75.99 प्रतिशत है। इन सभी फॉर्म का डिजिटलाइजेशन भी पूरा कर लिया गया है।
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4.48 लाख नाम कटे, वजह जानकर चौंक जाएंगे
SIR जांच के दौरान 4 लाख 48 हजार 15 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं। ये नाम अनुपस्थित, स्थानांतरित या मृत श्रेणी में पाए गए। यह आंकड़ा कुल मतदाताओं का 24.01 प्रतिशत है। प्रशासन के मुताबिक, करीब ढाई लाख से ज्यादा मतदाता जिले से बाहर शिफ्ट हो चुके हैं, 48 हजार से अधिक मतदाताओं की मौत हो चुकी है और करीब डेढ़ लाख मतदाता लापता पाए गए।
2003 की सूची बना सिरदर्द
इस पुनरीक्षण में 1 लाख 84 हजार 353 मतदाता ऐसे सामने आए, जो वर्ष 2003 की मतदाता सूची से अपना या अपने परिवार का कोई विवरण प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके अलावा करीब डेढ़ लाख मतदाताओं का कोई रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं मिला। जमा किए गए फॉर्म में से 12 लाख 33 हजार 316 मतदाताओं की मैपिंग सफल रही, जबकि 1.84 लाख मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई, जो कुल मतदाताओं का 9.88 प्रतिशत है।
जेवर आगे, नोएडा सबसे पीछे
विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो SIR में जेवर विधानसभा क्षेत्र सबसे आगे रहा। यहां 79.8 प्रतिशत मतदाताओं ने फॉर्म जमा किए। दादरी विधानसभा क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में फॉर्म जमा हुए, लेकिन 1 लाख से ज्यादा मतदाता 2003 का विवरण नहीं दे सके।
वहीं सबसे अधिक मतदाताओं वाले नोएडा विधानसभा क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा। यहां करीब 27.15 प्रतिशत मतदाताओं यानी 2 लाख 9 हजार 320 नाम सूची से हटा दिए गए।
नोटिस के बाद मिलेगा आखिरी मौका
एडीएम वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि जिन 1.84 लाख मतदाताओं ने जरूरी दस्तावेज नहीं दिए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के तहत नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस का जवाब और साक्ष्य देने के बाद ही उनके नाम दोबारा जोड़े जाने पर फैसला होगा।