यूपी में 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे, SIR के फाइनल आंकड़े में जानिये किसके वोट हटे?

उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया के तहत 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम कटेंगे। 1.11 करोड़ वोटर्स को दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए नोटिस भेजे जाएंगे। 31 दिसंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी, जिसके बाद 28 फरवरी को अंतिम सूची जारी की जाएगी।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 27 December 2025, 7:13 PM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश में विधानसभा और पंचायत चुनावों की तैयारी को लेकर चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एसआईआर प्रक्रिया के तहत इस बार लगभग 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम मतदाता सूची से काटे जाएंगे। वहीं, 1.11 करोड़ वोटर्स को नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें उन्हें अपने पहचान प्रमाण पत्र संबंधित दस्तावेज़ दिखाने होंगे। यह प्रक्रिया आगामी चुनावों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।

एसआईआर प्रक्रिया की महत्वपूर्ण तिथियां

एसआईआर प्रक्रिया के तहत, उत्तर प्रदेश में वोटर सूची की अंतिम स्थिति 31 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार, 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियाँ दर्ज की जाएंगी, जिसके बाद 21 फरवरी 2026 तक इन दावों का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद 28 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।

मतदाता सूची में बड़े बदलाव

एसआईआर प्रक्रिया के तहत जिन 2.8 करोड़ वोटर्स के नाम हटाए जाएंगे, उनमें से कई कारणों से ये नाम कटेंगे। 1.26 करोड़ लोग स्थानांतरित हो चुके हैं। 46 लाख वोटर्स का निधन हो चुका है। 23.70 लाख डुप्लीकेट वोटर्स थे। 83.73 लाख अनुपस्थित वोटर्स थे। 9.57 लाख अन्य श्रेणी के मतदाता थे। इन सभी वोटर्स के नाम एसआईआर प्रक्रिया के तहत काटे जाएंगे। वहीं, 1.11 करोड़ वोटर्स को नोटिस भेजी जाएगी, जिनसे उनके दस्तावेज़ मांगे जाएंगे।

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दस्तावेज़ जमा करने का अंतिम मौका

वोटर्स को अपना वोट फिर से पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग द्वारा मान्य 13 दस्तावेजों में से किसी एक दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा। अगर ये वोटर्स दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं कर पाए तो उनके वोट को निरस्त किया जा सकता है।

आयोग ने की गली-गली मतदाताओं की खोज

चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया के दौरान उन वोटर्स को पहचानने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन कराया है, जिनके नाम स्थानांतरित हो चुके थे, जो मृत हो चुके थे, या डुप्लीकेट थे। इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) और राजनीतिक दलों के एजेंट्स को जिम्मेदार बनाया गया था। प्रत्येक बूथ पर इन मतदाताओं की सूची तैयार कर उनके सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की गई, ताकि किसी भी प्रकार की गलती की गुंजाइश न हो।

मैपिंग प्रक्रिया का काम हुआ पूरा

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की मैपिंग का काम भी पूरा कर लिया है। साल 2003 की वोटर सूची से वर्तमान सूची में शामिल 91% मतदाताओं के नामों का मिलान किया गया है। इन मतदाताओं के नाम उनके माता-पिता या दादा-दादी के नाम से मिलाकर सत्यापन किया गया है।

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मतदाता सूची को लेकर गंभीर मुद्दे

हालांकि, एसआईआर प्रक्रिया को लेकर कई जगहों पर मतदाता चिंतित हैं, क्योंकि कई लोगों के नाम सिर्फ तकनीकी कारणों से सूची से कटे हैं। प्रशासन और चुनाव आयोग ने इन समस्याओं के समाधान के लिए दावे और आपत्तियाँ दर्ज कराने की सुविधा दी है। 31 दिसंबर के बाद, इन दावों का निस्तारण किया जाएगा और इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की लापरवाही होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 27 December 2025, 7:13 PM IST