The MTA Speaks: लाल किला धमाके को शू बॉम्बर सिद्धांत पर किसने और कैसे किया डिजाइन? बड़ा खुलासा, पढ़ें पूरा विश्लेषण

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए भीषण विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर दिया। जांच में सामने आया कि यह हमला एक संगठित आतंकी मॉड्यूल द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। बरामद विस्फोटकों, संदिग्धों की गिरफ्तारी, डिजिटल ट्रेल और “शू बम्बर” सिद्धांत ने केस को और रहस्यमय बना दिया है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 19 November 2025, 9:11 AM IST
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New Delhi: देश की राजधानी नई दिल्ली में 10 नवंबर की शाम लगभग 6 बजकर 52 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास भारी ट्रैफिक के बीच एक सफेद Hyundai i20 कार अचानक विस्फोट से दहक उठीकुछ ही पलों में वहां अफरा-तफरी मच गई, धुएं का गुबार उठा, आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए और लोग चीखते-भागते नजर आएदमकल की गाड़िया तेजी से पहुंचीं और सात यूनिट आग बुझाने में जुट गईंएनसीआर की कई एजेंसिया भी तुरंत मौके पर सक्रिय हो गईं, इस घटना को साधारण हादसा नहीं, बल्कि गंभीर आपराधिक साजिश की दिशा में ले आया

वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने चर्चित शो The MTA Speaks  में दिल्ली ब्लास्ट को लेकर सटीक विश्लेषण किया।

धमाके में उच्चा क्षमता वाले IED का इस्तेमाल

जांच के शुरुआती चरण में ही यह सामनेगया कि कार में साधारण ईंधन-आधारित विस्फोट नहीं हुआ, बल्कि इसमें उच्च क्षमता वाला IED प्रयोग किया गया थाघटनास्थल से मिले टुकड़ों और धातु के अवशेषों के आधार पर फॉरेंसिक टीमों ने यह अनुमान लगाया कि विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट समेत अन्य रासायनिक यौगिकों का मिश्रण थाजिस तरह कार का फ्रेम उड़ कर दूर तक बिखर गया, उससे यह संकेत मिला कि विस्फोट का डिज़ाइन अत्यधिक प्रभाव पैदा करने वाला था

सीसीटीवी फुटेज की छानबीन से यह पता चला कि कार विस्फोट से कुछ मिनट पहले सामान्य गति से ट्रैफिक में चल रही थी और सिग्नल पर रुकने के बाद ही धमाका हुआइस फुटेज ने जांच को तेजी से आगे बढ़ाया और टीमों ने दिल्ली-एनसीआर में फैले लगभग पांच हजार कैमरों के जरिये संदिग्ध कार की 43 लोकेशन की विस्तृत रूट मैपिंग तैयार कीयह मैपिंग दिखाती है कि संदिग्ध व्यक्ति ने 29 अक्टूबर से फरीदाबाद, बल्लभगढ़, बदरपुर, ओखला, जामिया, निजामुद्दीन और पुरानी दिल्ली के कई हिस्सों में घूम-घूमकर तैयारी की थी

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धमाके से अबतक इतने लोगों की मौत

इस घटना में मरने वालों की संख्या शुरू में 9 बताई गई, फिर 12 और बाद में हमारे खबर लिखने के समय तक यह आंकड़ा 15 तक पहुंच गया हैपोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में विस्फोट के कारण हुए गंभीर आंतरिक घावों का उल्लेख भी हैघटनास्थल से एक मानव पैर भी मिला था, जिसे बाद में डीएनए जांच के लिए भेजा गया और उसके आधार पर संदिग्ध ड्राइवर की पहचान की पुष्टि की गई

हालात तब और गंभीर हो गए जब फरीदाबाद में पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने छापेमारी करके लगभग 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, इलेक्ट्रॉनिक टाइमर, सर्किट बोर्ड और विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किएइस बरामदगी ने साफ कर दिया कि दिल्ली का हमला कोई एकाकी घटना नहीं, बल्कि एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था

इस मॉड्यूल का मुख्य चेहरा सामने आया- डॉ. उमर उन नबी, जो फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर था और मूलतः पुलवामा का रहने वाला बताया गयाजांच से ये संकेत मिला कि वही इस कार का ड्राइवर थाफंडिंग के रूप में लगभग 20 लाख रुपये की लेनदेन की बात सामने आई, जिसका आतंकी गतिविधि में इस्तेमाल होने का संदेह हैउमर के साथियों में से आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया गया और अदालत ने उसे 10 दिन की हिरासत में भेजाएक अन्य संदिग्ध मुजम्मिल का नाम भी सामने आया, जिसके साथ पैसों को लेकर विवाद हो गया था

फरीदाबाद से जुड़े श्रीनगर ब्लास्ट के तार

इस मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन पर हुए विस्फोट में पाया गया कि वहां इस्तेमाल हुआ विस्फोटक भी फरीदाबाद कनेक्शन से जुड़ा हुआ थायह संकेत मिला कि एक ही मॉड्यूल कश्मीर से दिल्ली तक फैले नेटवर्क के जरिए काम कर रहा थालॉजिस्टिक्स, फंडिंग, भर्ती और कम्युनिकेशन चैनल की जांच अब एजेंसियों की प्राथमिकता में है

घटना स्थल की जांच में एक और दिलचस्प संकेत मिला, जिसमें कार के भीतर एक विशेष बूट मिला, जिसे जांच अधिकारीशू बॉम्बरसिद्धांत के रूप में देख रहे हैंयह संभावना जताई जा रही है कि बूट के अंदर विस्फोटक उपकरण लगा हो सकता था, जिसकी वजह से ब्लास्ट का स्वरूप इतना तीव्र हुआ

कहां तक पहुंची एजेंसियों की जांच

अब बात करते हैं कि जांच एजेंसियां कहां तक पहुंचीं हैंदिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, IB और NIA मिलकर इस पूरे मॉड्यूल के नेटवर्क को तोड़ने में लगे हैंकई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, चैट, ई-मेल ट्रेल और लोकेशन डेटा को डिकोड किया जा रहा हैफॉरेंसिक लैब के शुरुआती निष्कर्ष NIA को ये मानने की ओर ले जा रहे हैं कि हमला एककार-बोर्न सुसाइड ऑपरेशनके रूप में डिजाइन किया गया था

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अब क्या होगा आगे?

अब बात आती है कि आगे क्या उम्मीद की जाएएजेंसियों के अनुसार, अभी और गिरफ्तारिया होंगीफंडिंग नेटवर्क, विस्फोटक का स्रोत, कार की खरीद में शामिल चैनल, और डिजिटल कम्युनिकेशन- इन सभी पहलुओं की गहन जांच जारी हैयह भी संकेत मिले हैं कि यह मॉड्यूल दिसंबर में किसी और बड़े हमले की तैयारी भी कर रहा थाआने वाले दिनों में नेटवर्क के और चेहरे सामने आने की पूरी संभावना है

संसद के शीतकालीन सत्र पर पड़ेगा असर?

संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है और इस धमाके का असर निश्चित रूप से संसद की कार्यवाही पर पड़ेगाविपक्ष सरकार से सुरक्षा में विफलता के सवाल पूछेगा, वहीं सरकार अपनी खुफिया एजेंसियों की कार्रवाई और शून्य-सहिष्णुता की नीति को सामने रखेगीसंसद में राष्ट्रीय सुरक्षा, निगरानी तकनीक, सुरक्षा-कानूनों के कड़े प्रावधान और आतंकी गतिविधियों पर अंकुश जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगेधमाके के मद्देनजर दिल्ली और संसद क्षेत्र में सुरक्षा और बढ़ाई जाएगी

अब तक हुई गिरफ्तारियों में मुख्यत: उमर उन नबी की पहचान डीएनए से सुनिश्चित हुई हैउसकी गतिविधियों से जुड़ा आमिर राशिद अली NIA की हिरासत में हैकुछ अन्य संदिग्धों से पूछताछ चल रही है और कश्मीर, हरियाणा और दिल्ली में कई छापेमारिया आयोजित की गई हैं

यह पूरा मामला एक बार फिर साबित करता है कि आधुनिक आतंकवाद सिर्फ हथियार और विस्फोटकों का खेल नहीं, बल्कि एक सुनियोजित, टेक-सक्षम, फंडेड और बहुस्तरीय नेटवर्क हैइसकी हर कड़ी को तोड़ना बेहद जरूरी है

Location : 
  • New delhi

Published : 
  • 19 November 2025, 9:11 AM IST