The MTA Speaks: क्रिकेटर और फिल्मी सितारों का Betting Promotion, ईडी का एक्शन, मोहपाश में युवा, पढ़िये क्या होगा अंजाम

क्रिकेट और फिल्मी जगत के कई नामचीन सितारे ED यानि प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर हैं। देखिये “द एमटीए स्पीकस” में सटीक विश्लेषण

Post Published By: Manoj Tibrewal Aakash
Updated : 18 June 2025, 7:07 PM IST
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नई दिल्ली: क्रिकेट और फिल्मी जगत के कई नामचीन सितारे ED यानि प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर हैं। वजह है भारत में प्रतिबंधित सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़े विज्ञापनों के प्रचार-प्रसार का। इन सितारों पर आरोप है कि देश में रोक के बावजूद ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफार्मों के साथ इन सितारों के न सिर्फ संबंध हैं बल्कि इन्होंने एंडोर्समेंट डील्स तक कर रखी है। आज हम इस बाते से पर्दा उठायेंगे की अंदर की बात है क्या। सबसे पहले बताते हैं वो कौन-कौन से सितारे हैं जो इन दिनों ईडी के राडार पर हैं। आपको बतायेंगे कि देश में कितना बड़ा है सट्टेबाजी का बाजार। कैसे देश के नौजवान इनके चंगुल में फंस रहे हैं। पहले बात करते हैं क्रिकेट के चेहरों की। इनमें हरभजन सिंह, युवराज सिंह और सुरेश रैना के नाम हैं तो वही बालीवुड सितारों में उर्वशी रौतेला और सोनू सूद के नाम प्रमुख हैं। ईडी ने उर्वशी रौतेला और सोनू सूद से ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफार्मों के साथ उनके संबंध और एंडोर्समेंट डील्स के बारे में पूछताछ की है।

क्रिकेट और बॉलीवुड का सट्टे से रिश्ता

इनके अलावा हरभजन सिंह, युवराज सिंह और सुरेश रैना से भी ईडी ने सवाल जवाब किए हैं। ईडी का मानना है कि “कुछ बेटिंग ऐप ने बॉलीवुड सितारों, क्रिकेटरों और इन्फ्लुएंसर्स के साथ डील की है ताकि उन्हें प्रमोशन के जरिए लोकप्रियता हासिल हो. जबकि सरकार ने साफ तौर पर इन ऐप्स पर बैन लगा रखा है। इस मामले में मार्च महीने में, हैदराबाद में 25 सेलिब्रिटीज के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, मांचू लक्ष्मी, प्रणीता और निधि अग्रवाल शामिल थे। इस एफआईआर में लिखा गया है कि ये सितारे अवैध और बैन बेटिंग ऐप्स को प्रमोट करते हैं। इस स्कैम में मोटा पैसा लगा हुआ है। जब ये मामला सामने आया था तो साउथ के जाने-माने एक्टर प्रकाश राज ने स्वीकार किया कि उन्होंने 2015 में एक ऐसे विज्ञापन में काम किया था, लेकिन एक साल के अंदर ही इस डील से बाहर आ गए थे।

सितारों ने दी सफाई

वहीं ‘राणा नायडू’ फेम राणा दग्गुबाती की टीम ने भी साफ किया था कि उनका एंडोर्समेंट डील सभी कानूनों के तहत था और वह किसी भी अवैध डील में शामिल नहीं हुए थे। उर्वशी रौतेला और सोनू सूद की तरफ से इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। इस मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस और सासंद कंगना रनौत ने इन सितारों पर जमकर बरसी थीं। उन्होंने कहा था कि उन्हें भी कई बार ऐसे ऐड्स मिलते हैं लेकिन वह कभी भी अवैध ऐड्स का हिस्सा नहीं बनती। वह हर बार ऐसे ऑफर को ठुकरा देती हैं। उन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए सेलेब्स को कहा था कि सुधर जाओ।

क्यो हुआ ED का एक्शन

ईडी का ये एक्शन इसलिए हो रहा है, ताकि ये जाना जा सके कि जिन प्लेटफॉर्मस को बैन किया गया है, उनका प्रचार-प्रसार क्यों कर रहे हैं। जिनमें वन बेट, फेयर प्ले और महादेव ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म शामिल है। इसी को लेकर पूर्व क्रिकटर्स और बॉलीवुड कलाकार के खिलाफ ईडी का ये एक्शन हो रहा है। पिछले दिनों ही कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक बड़े ऑनलाइन सट्टेबाज़ी और मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए पश्चिम बंगाल समेत दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में फैले कई ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ और संदिग्ध दस्तावेज़ ज़ब्त किए गए थे। इस ऑपरेशन के दौरान ED ने 766 म्यूल बैंक अकाउंट्स और 17 डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स फ्रीज़ कर दिए। जो इस गैर-कानूनी सट्टेबाज़ी और जुए से जुड़े पैसों के लेनदेन में इस्तेमाल हो रहे थे। ED ने विशाल भारद्वाज उर्फ़ बादल भारद्वाज और सोनू कुमार ठाकुर नाम के दो आरोपियों को PMLA के तहत गिरफ़्तार भी किया था। दोनों को कोलकाता की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 10 दिन की ED कस्टडी में भेज दिया था।

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप पर कार्रावाई

आपको बता दें कि अप्रैल में भी महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप केस में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की थी। तब ईडी ने इस मामले में विभिन्‍न ठिकानों पर छापेमारी के बाद 573 करोड़ रुपये की संपत्ति को फ्रीज किया था। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत 16 अप्रैल को दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और संबलपुर में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस तलाशी के दौरान ED ने 3.29 करोड़ रुपये कैश जब्त किए थे। साथ ही ईडी ने 573 करोड़ रुपये से अधिक की सिक्योरिटीज, बॉन्ड्स और डिमैट खातों को फ्रीज किया गया। साथ ही बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी बरामद किए गए।

देश में फैला सट्टे का कारोबार

अब आपको बताते हैं कि देश में कितना बड़ा है सट्टेबाजी का बाजार, ईडी का अनुमान है कि भारत में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी बाजार 100 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा का है, जो सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ भी रहा है लेकिन इसकी चपेट में आने बड़ी संख्या में युवाओं को इसकी लत लग रही है और देश की युवा पीढ़ी इसमें फंसकर अपने करियर को बर्बाद कर रही है। इससे सरकार चिंतित है और इन एप्स के कारोबार पर सख्ती से शिकंजा कस रही है।
ईडी की जांच में यह भी सामने आ रहा है कि सट्टेबाजी से होने वाली कमाई को केवल भारतीय बैंकों में नहीं रखा जाता, बल्कि क्रिप्टोकरेंसी, हवाला चैनलों और विदेशी अकाउंट्स के जरिए छुपाया जा रहा है। कई प्रमोटर्स ने बिटकॉइन और USDT जैसे क्रिप्टो का उपयोग किया है। हवाला नेटवर्क के जरिए पैसा दुबई, सिंगापुर और श्रीलंका तक पहुंचाया जा रहा है।

फाइनेंशियल सिस्टम के लिए खतरे की घंटी

यह खुलासा देश के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए खतरे की घंटी है। इस अवैध कारोबार को बढ़ाने में अब YouTube, Instagram और OTT से जुड़े इन्फ्लुएंसर्स और वेब सीरीज़ एक्टर्स की भी बड़ी भूमिका सामने निकलकर आ रहा है। ये सब भी इस स्कैम में ED के राडार पर हैं। खबर यह भी है कि कई मीडियम-लेवल इंफ्लुएंसर्स ने लाखों की रकम में बेटिंग ऐप्स का प्रमोशन किया है। यही नहीं कुछ रियलिटी शो प्रतियोगियों ने भी अपने सोशल मीडिया से अवैध एप्स के लिंक शेयर किए। इन प्रमोशन का सबसे आसान शिकार युवा होते हैं। देश में कुछ केस ऐसे भी सामने आए हैं, जहां ऑनलाइन बेटिंग के चलते युवाओं ने आत्महत्या की है या कर्ज़ में डूबकर अपराध की राह अपनाई है। पिछले साल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ऐसे 12 से ज़्यादा मामले सामने आए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक डिजिटल ड्रग की तरह है, जिसकी लत बेहद घातक है। अब आपको यह बताते हैं कि आखिरकार बैन के बावजूद ये कंपनियां कैसे काम करती हैं? दरअसल ये प्लेटफॉर्म अक्सर फर्जी नामों से काम करते हैं और VPN और मिरर साइट्स के जरिए बैन को बाईपास करते हैं।

युवा टारगेट

देश में अलग-अलग राज्यों के युवाओं को टारगेट करने के लिए ये कंपनियां हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञापन चलवाती हैं। इनमें से कई कंपनियां खुद को ‘Gaming’ या ‘Fantasy App’ बताकर कानूनी पेचिदगियों का फायदा उठाती हैं। कुछ मामलों में यह भी सामने आया है कि इन बेटिंग ऐप्स के बैकएंड से जुड़े सर्वर पाकिस्तान, चीन और दुबई से ऑपरेट हो रहे हैं। इससे नेशनल सिक्योरिटी पर भी सवाल उठते हैं क्योंकि यह पैसा आतंकी फंडिंग या अन्य अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकता है।

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