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नशीले कफ सिरप तस्करी मामले में ईडी ने PMLA के तहत केस दर्ज कर जांच का दायरा छह राज्यों तक बढ़ा दिया है। मुख्य आरोपी शुभम को समन, दो सीए जांच के घेरे में और आजमगढ़ का विकास सिंह नरवे फरार। एफएसडीए की 118 FIR के आधार पर बड़े सिंडीकेट पर कार्रवाई जारी।
अरबों की कफ सिरप तस्करी
Lucknow: लखनऊ में नशीले कफ सिरप की तस्करी के बड़े नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब यह मामला उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और झारखंड तक फैल चुका है। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज कर जांच का दायरा व्यापक कर दिया है।
ईडी ने जांच आगे बढ़ाते हुए एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग) से अब तक की कार्रवाई का पूरा ब्योरा मांगा है। यह जानकारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एफएसडीए ने कई जिलों में एक दर्जन से अधिक फर्मों के खिलाफ 118 एफआईआर दर्ज कराई हैं। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि कई फर्में सिर्फ ‘बिलिंग पॉइंट’ के रूप में संचालित थी। जहां से अरबों रुपये के नशीले कफ सिरप की अवैध तस्करी को अंजाम दिया गया।
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जांच में खुलासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश की दो, उत्तराखंड की तीन और हरियाणा व झारखंड की एक-एक दवा निर्माता कंपनी से कोडीनयुक्त कफ सिरप खरीदा जाता था। इन दवाओं को यूपी में डायवर्ट कर नेपाल और बांग्लादेश भेजा जाता था।
लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर खीरी और बहराइच से कफ सिरप की खेप लगातार नेपाल भेजी जा रही थी। वहीं, बनारस और गाजियाबाद की फर्में इन दवाओं को बांग्लादेश में भेजने में शामिल थीं। झारखंड की एक कंपनी सबसे बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन कर रही थी और इसका सुपर स्टॉकिस्ट मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल की फर्म ‘सैली ट्रेडर्स’ थी।
ईडी की टीमों ने बुधवार को शुभम जायसवाल के वाराणसी आवास पर समन चस्पा किया है और उसे 8 दिसंबर को तलब किया है। माना जा रहा है कि जल्द ही ईडी उसकी गिरफ्तारी की दिशा में भी कदम उठा सकती है। साथ ही ईडी अब एफएसडीए के उन अधिकारियों की भी पहचान कर रही है जो इस अवैध सिंडीकेट की मदद कर रहे थे या जिनकी भूमिका संदिग्ध है।
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नशीले कफ सिरप सिंडीकेट के अन्य आरोपी आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा वर्तमान में जेल में बंद हैं। ईडी इन दोनों से भी जल्द पूछताछ करेगी। इनके खिलाफ कार्रवाई से पहले उनकी फर्मों, बैंक खातों, संपत्तियों और वित्तीय लेनदेन की पूरी जांच की जा रही है।
जांच के दायरे में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट तुषार और विष्णु अग्रवाल भी आ गए हैं। दोनों पर आरोप है कि वे आरोपियों की फर्मों के वित्तीय दस्तावेजों को मैनेज करते थे और गैरकानूनी कामों को छुपाने में मदद कर रहे थे। ईडी इन्हें भी समन जारी करने की तैयारी में है।
सिंडीकेट से जुड़ा अहम सदस्य विकास सिंह नरवे, जो आजमगढ़ का रहने वाला है, पिछले पांच दिनों से एसटीएफ को चकमा दे रहा है। वह मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल और अन्य अपराधियों का करीबी माना जाता है। सूत्रों का कहना है कि नरवे हर बार लोकेशन बदल लेता है और संभव है कि किसी माफिया के संरक्षण में हो। यहां तक कि उसके दुबई भागने की भी आशंका जताई गई है।
वाराणसी- 38
जौनपुर- 16
कानपुर नगर- 08
गाजीपुर- 06
लखीमपुर खीरी- 04
लखनऊ- 03
अन्य जिले- 43