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गूगल ने Earth ऐप में Gemini AI को इंटीग्रेट किया, जो प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान लगाने और प्रभावित लोगों की सुरक्षा में मदद करेगी। आम लोग और सरकारी एजेंसियां इसे इस्तेमाल कर बचाव कार्य को प्रभावी बना सकती हैं।
Google का नया AI फीचर
New Delhi: प्राकृतिक आपदाओं का समय रहते अनुमान लगाना और प्रभावित लोगों को सुरक्षित करना अब और भी आसान हो सकता है। टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाते हुए गूगल ने अपने Earth ऐप में लेटेस्ट अपडेट के तौर पर Gemini AI को इंटीग्रेट किया है। यह AI पिछले कई सालों के ग्लोबल सैटेलाइट डेटा, मौसम डेटा और पॉपुलेशन डेटा के आधार पर ट्रेंड किया गया है। इसकी मदद से आपदाओं का पूर्वानुमान लगाने के साथ-साथ उनकी चपेट में आने वाले लोगों की संख्या और प्रभावित क्षेत्र का अंदाजा भी लगाया जा सकता है।
Gemini AI पूरी तरह जियोस्पेटियल रीजनिंग पर आधारित है। यह AI मैप्स मौसम का अनुमान, जनसंख्या घनत्व और इलाके में मौजूद इमारतों समेत Earth App के डेटा का अध्ययन करती है। इसका फायदा यह है कि यह सिर्फ यह बताने में सक्षम नहीं है कि तूफान या बाढ़ कहां से गुजरेगी, बल्कि यह भी अनुमान लगा सकती है कि किसी इलाके में कितने लोग इसके प्रभाव में आ सकते हैं।
Google Earth में AI फीचर अपडेट
इसके अलावा, AI प्राकृतिक आपदाओं के रूट और पैटर्न का विश्लेषण कर प्रभावित इलाकों के लिए एहतियात और बचाव की सटीक जानकारी देती है। इससे राहत कार्यों को पहले से रणनीतिक रूप से तैयार किया जा सकता है और मानव जीवन की सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
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इस अपडेट की खासियत यह है कि सामान्य उपयोगकर्ता भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति यह जानना चाहता है कि किसी नदी का पानी कहां सूख रहा है या किन इलाकों में बाढ़ का खतरा है, तो Gemini AI सैटेलाइट इमेजेस की मदद से इसका जवाब दे सकती है। AI क्विक रिव्यू के बाद इन सवालों का सटीक और आसान समझ में आने वाला उत्तर भी प्रदान करती है।
गूगल का उद्देश्य सिर्फ पूर्वानुमान तक सीमित नहीं है। कंपनी चाहती है कि इस तकनीक से सरकारी एजेंसियां, आपदा राहत संगठन और निजी कंपनियां भी अपने डेटा में इसे इंटीग्रेट करके वास्तविक समय में पूर्व तैयारी और बचाव कार्य कर सकें। इसके लिए Earth AI को गूगल क्लाउड प्लेटफॉर्म पर रखा गया है।
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इस AI अपडेट से सरकारी विभाग और आपदा राहत एजेंसियां भी लाभ उठा सकती हैं। जेमिनी AI के डेटा और एनालिटिक्स की मदद से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। इसके अलावा, यह AI आपदा से पहले संभावित खतरे का आकलन करने में मदद करती है, जिससे आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों की योजना बेहतर ढंग से बनाई जा सकती है।