उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस के हाथ 10 दिन बाद भी खाली, आरोपियों पर बढ़ी इनामी राशि, जानिये अब तक के बड़े अपडेट

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रयागराज में 2005 के बसपा विधायक हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद सहित पांच लोगों के बारे में जानकारी देने वाले को रविवार को ढाई लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की।

यूपी पुलिस के हाथ 10 दिन बाद भी खाली
यूपी पुलिस के हाथ 10 दिन बाद भी खाली


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस के हाथ 10 दिन भी खाली है। यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है और आरोपियों की धरपकड़ के लिये यूपी पुलिस भी दिन-रात भी एक किये हुए हैं। लेकिन हत्याकांड में इतने पेंच हैं कि पुलिस भी अंधेरे में हाथ-पांव मारने को विवश है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस बीच यूपी पुलिस ने रविवार को प्रयागराज में 2005 के बसपा विधायक हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद सहित पांच लोगों के बारे में जानकारी देने वाले को रविवार को ढाई लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां बताया कि गत 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या की घटना में शामिल पांच लोगों की गिरफ्तारी या सूचना देने पर ढाई लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है।

उन्होंने कहा कि अरमान, पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर के लिए यह इनाम घोषित किया गया है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की 2005 में हुई हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की कुछ दिन पहले प्रयागराज में उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी माफिया से नेता बना अतीक अहमद है, जो वर्तमान में गुजरात की एक जेल में बंद है।

उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत के आधार पर धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

उन पर धारा 147 (दंगा), 148 (दंगे, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा के प्रत्येक सदस्य को सामान्य वस्तु के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) 506 (आपराधिक धमकी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जया पाल ने आरोप लगाया कि उनके पति उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे। वर्ष 2006 में अतीक अहमद और उसके सहयोगियों ने उनका अपहरण कर लिया और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया था। उमेश पाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी और मामला चल रहा था। गत 24 फरवरी को इस मामले में सुनवाई हुई, जिसके लिए उमेश पाल, उनका भतीजा और दो सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह कोर्ट पहुंचे।

जया पाल ने आरोप लगाया था कि जब वे घर लौट रहे थे और उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी अपनी कार से उतरे तो अतीक अहमद के बेटे गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और उनके नौ सहयोगियों ने उन पर गोलियों और बमों से हमला कर दिया।

प्रयागराज में एक मुठभेड़ में हमलावरों की कार कथित तौर पर चलाने वाला अरबाज़ मारा गया था। 










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