

शुक्रवार का दिन दिल्ली में दो मुलाक़ातों को लेकर चर्चा को केन्द्र में रहा। क्या है इन मुलाकातों का सियासी संदेश। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ के इस विश्लेषण में।
नई दिल्ली: दिल्ली के सत्ता गलियारों में शुक्रवार को दो मुलाकातों के बारे में जमकर चर्चा हो रही है, लोग चटकारे लेकर इन मुलाकातों के निहितार्थ निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
पहली मुलाकात हुई वाराणसी एअरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जिले के तीन आला अफसरों से। दूसरी मुलाकात हुई झारखंड के देवघर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई के बीच।
पहली मुलाक़ात
पहले बात करते हैं प्रधानमंत्री की। कुछ दिन पहले वाराणसी में 19 साल की एक लड़की के साथ 23 लोगों ने अलग-अलग जगह पर ले जाकर रेप किया। इस घटना ने प्रधानमंत्री को व्यथित कर दिया। पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया तो कई अभी भी फरार हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि पीएम ने जहाज से उतरते ही रनवे पर ही वाराणसी के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर से इस घटना के बारे में जानकारी ली। असली बात यह है कि पीएम ने इस बातचीत में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को शामिल तक नहीं किया। तो क्या मोदी राज्य की कानून-व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है या फिर उन्हें अब आदित्यनाथ पर ऐतबार नहीं रहा। इस यक्ष प्रश्न का जवाब हर कोई जानना चाहता है क्योंकि मोदी बंद कमरे में भी अफसरों से पूछताछ कर सकते थे लेकिन उन्होंने न सिर्फ खुले आकाश के नीचे बात की बल्कि बाकायदे इस मुलाकात की फोटो भी सार्वजनिक करायी।
दूसरी मुलाक़ात
अब बात करते हैं मनी लाड्रिंग के मामले में जमानत पर चल रहे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की। ईडी ने पिछले साल हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था, तब सोरेन को इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा था। झारखंड हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली। इसके खिलाफ ईडी सुप्रीम कोर्ट पहुंची। फिर सर्वोच्च अदालत ने हेमंत सोरेन को बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। खास बात यह है कि जमानत देने वाले जज जस्टिस बीआर गवई थे। गवई देवघर के दौरे पर थे, इस बीच मौका देख हेमंत सोरेन भी उनसे मिलने रांची से उड़कर देवघर जा पहुंचे। फिर दोनों की मुलाकात हुई और बाकायदे हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल पर ताबड़तोड़ तीन फोटो शेयर कर सबको बता दिया कि उन्होंने मुलाकात की है। मुलाकात की फोटो गोपनीय भी रखी जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
अब लोग सवाल पूछ रहे हैं कि इससे क्या संदेश देने की कोशिश है। लोग यह भी कह रहे हैं कि जब प्रधानमंत्री मोदी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणेश पूजा में गये तब काफी हो-हल्ला मचाया गया तो फिर देवघर की मुलाकात के बारे में लोग क्या सोचते हैं।