Mann Ki Baat: जानिये, साल के अंतिम मन की बात कार्यक्रम में क्या बोले PM मोदी, संबोधन की मुख्य बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेअपने मासिक कार्यकम मन की बात कार्यक्रम के जरिये देश की जनता को संबोधित किया। जानिये, पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें

पीएम मोदी
पीएम मोदी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यकम मन की बात कार्यक्रम के जरिये देश की जनता को संबोधित किया। इस साल के इस आखिरी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है। अब अगले साल में अगली मन की बात होगी।

जानिये पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें

मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि आप भी एक सूची बनायें। दिन भर हम जो चीजें काम में लेते हैं, उन सभी चीजों की विवेचना करें और ये देखें कि अनजाने में कौन सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है।

एक और बात मैं आपको याद दिलाना चाहता हूँ। हमें देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना ही है। ये भी 2021 के हमारे संकल्पों में से एक है।

हमें ये सोचना होगा कि समुद्र तटों और पहाड़ों पर ये कचरा पहुंचता कैसे है? आखिर, हम में से ही कई लोग ये कचरा वहाँ छोड़कर आते होंगे। हमें ये संकल्प लेना चाहिए, कि हम कचरा फैलाएंगे ही नहीं।

2 दिन पहले गीता जयंती थी। आपने कभी सोचा है, गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है? वो इसलिए कि ये भगवान श्रीकृष्ण की वाणी है। लेकिन गीता की विशिष्टता ये भी है कि ये जानने की जिज्ञासा से शुरू होती है। अर्जुन ने भगवान से प्रश्न किया, जिज्ञासा की, तभी तो गीता का ज्ञान संसार को मिला। गीता की ही तरह हमारी संस्कृति में जितना भी ज्ञान है, सब जिज्ञासा से ही शुरू होता है। 

इसी साल मई में कश्मीरी केसर को Geographical Indication Tag यानि GI Tag दिया गया. इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को एक विश्वस्तरीय और लोकप्रिय ब्रांड बनाना चाहते हैं। कश्मीर का केसर बहुत unique है और दूसरे देशों के केसर से बिलकुल अलग है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को GI Tag का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्केट में इसे लॉन्च किया गया।

भारत में 2014 से 2018 के बीच तेंदुओं की संख्या में 60% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, जो 2019 में बढ़कर 12,852 हो गयी। देश के अधिकतर राज्यों, विशेषकर मध्य भारत में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है। तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं।

इस साल हमारे सामने चुनौतियाँ खूब आईं, संकट भी अनेक आए, कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन, हमने हर संकट से नए सबक लिए। देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है। 

मुझे कई देशवासियों के पत्र मिले हैं। अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है। जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है।

मैं देश के निर्माताओं और उद्योग जगत से जुड़े लोगों से आग्रह करता हूँ। देश के लोगों ने मजबूत कदम आगे बढ़ाया, लोकल फॉर वोकल  आज घर-घर में गूँज रहा है। ऐसे में अब यह सुनिश्चित करने का समय है कि हमारे उत्पाद विश्वस्तरीय हों।  










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