Manipur Crime: मणिपुर में दो और महिलाओं से दुष्कर्म और हत्या, FIR से गायब है यौन उत्पीड़न संबंधी धारा

डीएन ब्यूरो

इंफाल पूर्वी जिले में मई महीने में दो महिलाओं से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में मणिपुर पुलिस की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में दोनों के यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी धारा का उल्लेख नहीं है, इसके बजाय केवल लूट, शरारत और अनाधिकार प्रवेश का मामला दर्ज किया गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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इंफाल: इंफाल पूर्वी जिले में मई महीने में दो महिलाओं से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में मणिपुर पुलिस की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में दोनों के यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी धारा का उल्लेख नहीं है, इसके बजाय केवल लूट, शरारत और अनाधिकार प्रवेश का मामला दर्ज किया गया है।

घटना स्थल से 35 किमी दूर कांगपोपकी जिले के सैकुल थाने में पीड़िताओं में से एक की मां की शिकायत पर 16 मई को ‘‘शून्य प्राथमिकी’’ दर्ज की गई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि चार मई को कथित रूप से बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित 100 से 200 अज्ञात लोगों ने उनकी बेटी और उसकी सहेली से दुष्कर्म करने के अलावा उन्हें प्रताड़ित किया और क्रूरता पूर्वक दोनों की हत्या कर दी।

दोनों लड़कियां कार सफाई की एक दुकान पर काम करती थीं और इंफाल पूर्वी के कोनुंग ममांग में किराये के घर में रहती थीं।

दोनों शव अभी तक उनके परिवार को नहीं सौंपे गए हैं और माना जाता है कि दोनों शव इंफाल घाटी के एक अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं। तीन मई से राज्य में जातीय संघर्ष के कारण उनका परिवार वहां नहीं पहुंच सका है।

मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

अपने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह ‘‘शून्य प्राथमिकी’’ है इसलिए पोरोम्पैट थाना द्वारा मामले की जांच शुरू होने पर अन्य धाराएं जोड़ी जा सकती हैं।

किसी थाने को जब ऐसे अपराध की शिकायत मिलती है जो उसके क्षेत्राधिकार के बाहर का हो, तो वह थाना शून्य प्राथमिकी दर्ज करता है।

सैकुल थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 397 और 398 (घातक हथियारों से लैस हो कर डकैती या लूट करने का प्रयास), धारा 427 (शरारत), धारा 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत), 448 (अनाधिकार प्रवेश या घुसपैठ), धारा 34 (साझा इरादा) और सशस्त्र कानून की धारा 25-एक सी (प्रतिबंधित हथियार रखना) के तहत आरोप दर्ज किये गये हैं।










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