जानिये आखिर क्या है मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी चीज

डीएन ब्यूरो

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंगलवार को कहा कि आधुनिक पीढ़ी को योग को अपनाना चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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जयपुर: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंगलवार को कहा कि आधुनिक पीढ़ी को योग को अपनाना चाहिए।

मिश्र ने कहा कि ऐसे समय में जब मन भौतिकता की अंधी दौड़ में भटक रहा है, मानसिक शांति के लिए योग अत्यंत आवश्यक है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, वह केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से 50 दिन पहले यहां आयोजित 'योग महोत्सव-2023' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मिश्र ने कहा कि अगर आधुनिक पीढ़ी योग को दिनचर्या में शामिल कर ले तो वह कई महत्वपूर्ण चीजें हासिल कर सकती है।

उन्होंने कहा,'योग के लिए समय निकाला जाए तो जीवन की जटिलताओं को सरल किया जा सकता है, इसलिए युवाओं को इससे जोड़ना जरूरी है। इसके लिए जागरूकता पैदा करनी होगी।'

मिश्र ने बताया कि कपालभाति, अनुलोम विलोम, भ्रामरी आदि का अभ्यास थोड़े से प्रयास से किया जा सकता है और यह तन व मन दोनों को स्वस्थ बना सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि योग के साथ-साथ ध्यान कठिन से कठिन मानसिक जटिलताओं को भी दूर कर सकता है। उन्होंने एक अध्ययन के हवाले से कहा कि 20 मिनट का ध्यान चार घंटे की नींद के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि योग आत्म-विकास का सबसे बड़ा माध्यम है।

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उन्होंने कहा कि मानसिक शांति एवं संतोष के लिए योग सर्वथा उपयोगी है। यौगिक दिनचर्या से जुड़कर जीवन की जटिलताओं को आसानी से हल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा “ शास्त्रों में योग को स्वस्थ जीवन की कला और विज्ञान कहा गया है। योग को हमारे यहां शुरू से ही स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के साथ जीवन के एक आदर्श तरीके के रूप में स्वीकार किया गया है। ”

मिश्र ने कहा कि स्वस्थ, सुखी और खुशहाल जीवन के लिए योग से जुड़ी ये गतिविधियां इस मायने में भी उपयोगी हैं कि ये सकारात्मक जीवन को दिशा प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि योग ने कोविड के दौर में लोगों को सकारात्मक रखने में अहम भूमिका निभाई है ।

राज्यपाल ने कहा, “ भारत की इस महान परंपरा को विश्व के लिए उपयोगी मानते हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, जो हमारी परंपरा और संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति है।”

इस अवसर पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने कहा, “ योग को विज्ञान की पद्धति मानकर आज दुनिया भर में अपनाया जा रहा है। देश के गांव-गांव तक योग की संस्कृति का प्रसार करने के लिए संकल्पित हो कर कार्य किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि देश एवं दुनिया में प्रति वर्ष मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए ‘काउंट डाउन’ की श्रृंखला में जयपुर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

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उन्होंने कहा कि दुनिया भर में योग की बढ़ती स्वीकार्यता की एक झलक देश में बड़ी संख्या में आये जी-20 प्रतिनिधियों की योग कार्यक्रमों में भागीदारी के रूप में देखने को मिल रही है।

सोनोवाल ने कहा, “योग दिवस 2023 का एक अन्य आकर्षण ‘प्रत्येक राज्य में आयुष ग्राम के माध्यम से ग्रामीण आबादी को जोड़ने का हमारा प्रयास होगा। एक आयुष ग्राम दो-तीन गांवों का एक समूह होगा और इसमें औसतन 3,000 से अधिक आबादी शामिल होगी।”

कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा “ राजस्थान की संस्कृति में योग का पुराना साम्य रहा है। योग हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बने, इसके लिए देश में अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं।

मिश्र ने योग महोत्सव में भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम विलोम सहित विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास भी किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री महेन्द्र मुंजपारा, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी सहित सांसद, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।










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