करोडों के भूमि मुआवजा घोटाले की जांच सीबीआई को सुपुर्द
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर भूमि मुआवजा घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है और 11मई को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई घोटाले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना करे।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर भूमि मुआवजा घोटाले की जांच सी बी आई को सौप दी है। और 11मई को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सी बी आई घोटाले की एफ आई आर दर्ज कर विवेचना करे।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने किसान कमल सिंह व अन्य की याचिकाओं पर दिया है।
किसानो की 4करोड मुआवजा भुगतान किया गया था। टेहरी हाइड्रो पावर डेवलपमेंट कार्पोरेशन इंडिया से भी दो सौ करोड़ रुपये दुबारा मुआवजा भुगतान घोटाला कर दिया गया है। जिसकी जांच की जानी है। इसमे दो जिलाधिकारी व यू पी एस आई डी सी के कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
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मालूम हो कि 1993 में उ प्र राज्य औद्योगिक विकास निगम के औद्योगिक ग्रोथ सेंटर के लिए जमीन अधिग्रहीत की गयी। किसानो को 93लाख मुआवजा भुगतान कर दिया गया। किन्तु निगम ने कोई कार्य नहीं किया। किसान खेती करते रहे।बाद में यही जमीन टेहरी हाइड्रो पावर डेवलपमेंट इंडिया कार्पोरेशन को सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट बनाने के लिए देने का फैसला लिया गया। और इससे कब्जा जमाये लोगों को करोडों का मुआवजा दिला दिया गया। याची ने मुआवजे के भुगतान के लिए याचिका दाखिल की।
याचिका पर निगम के वरिष्ठ अधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी, पावर प्रोजेक्ट के अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव, ने बहस की।
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कोर्ट ने कहा कि कमल सिंह को मुआवजे के भुगतान पर कोई अवरोध नही है। नियमानुसार कार्रवाही की जाय।अधिग्रहण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर खारिज कर दिया है।
पहले कुल 4करोड़ मुआवजा दिया गया। बाद में 287 करोड़ का मुआवजा अधिकारियों की मिलीभगत से दुबारा दिला दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि जब किसानो को मुआवजे का भुगतान यू पी एस आई डी सी ने कर दिया था।तो दुबारा उन्हीं लोगो को मुआवजा दिये जाने की सिफारिश अधिकारियों ने क्यो की।और मुआवजा ले चुके किसान मुआवजे के लिए कोर्ट आ रहे हैं। कोर्ट ने घोटाले की एफ आई आर दर्ज कर विवेचना करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। सुनवाई 11मई को होगी।