फरेंदा डाकघर में तैनात डाक निरीक्षक घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, जानिये आपरेशन ट्रैप में कैसे फंसे
फरेंदा में डाक विभाग के डाक निरीक्षक द्वारा घूस लेने के मामले में नया खुलासा हुआ है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
महराजगंजः डाक सहायक से स्थानांतरण के नाम पर 20 हजार रुपये की रिश्वत लेने के दौरान रंगेहाथ गिरफ्तार किए गए डाक निरीक्षक आलोक चौधरी के विरुद्ध सीबीआइ ने लखनऊ के एसीबी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई शिकायत कर्ता डाक सहायक मनोज कुमार विश्वकर्मा की तहरीर पर हुई है।
सीबीआइ ने मामले में निरीक्षक केके मिश्रा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
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गोरखपुर के मोहल्ला चाणक्यपुरी कालोनी के रहने वाले व बृजमनगंज में डाक सहायक के पद पर तैनात मनोज कुमार विश्वकर्मा के अनुसार वह पिछले दिनों निजी कारणों से अपना स्थानांतरण फरेंदा उपडाकघर में कराने के लिए डाक निरीक्षक आलोक चौधरी से मिले थे। इसके लिए उनके द्वारा 40 हजार रुपये की मांग की गई।
चर्चा है कि इसकी शिकायत उन्होंने पहले विभागीय उच्चाधिकारियों से की लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। थकहारकर मनोज कुमार ने आठ अप्रैल को सीबीआइ के पुलिस अधीक्षक के नाम शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की।
इसीक्रम में मंगलवार को सीबीआइ लखनऊ की एक टीम ने पहले डाक सहायक मनोज विश्वकर्मा से संपर्क किया. फिर आपरेशन ट्रैप के जरिये रिश्वत देने की योजना बनाई और रंगे हाथों 20 हजार रुपये लेते हुए कार्यालय से डाक निरीक्षक को गिरफ्तार कर लखनऊ उठा ले गई। मंगलवार की देर रात ही डाक सहायक की तहरीर पर डाक निरीक्षक आलोक चौधरी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
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नेपाली नागरिकों का आधार बनाने से चर्चा में आया था डाक घर
फरेंदा डाक घर नेपाली नागरिकों का आधार कार्ड बनाने के मामले में पूर्व में भी चर्चा में आ चुका है। फर्जी कागजात से नेपाली नागरिकों का आधार कार्ड बनाने के लिए जालसाजों ने फरेंदा डाक विभाग के तत्कालीन डाक सहायक व पोस्टमास्टर की आइडी का इस्तेमाल किया था। मार्च 2021 में तीन आरोपितों से सीबीआई की टीम ने पूछताछ भी किया था।