बिजली निजीकरण के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का आंदोलन, इस दिन करेंगे विरोध प्रदर्शन

बिजली के निजीकरण के विरोध में कम्युनिस्ट पार्टी,17 अप्रैल को प्रदेश भर में होगा आंदोलन। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 April 2025, 5:24 PM IST
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बाराबंकी: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। पार्टी ने 17 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह जानकारी पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने बाराबंकी स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,  प्रेस वार्ता के दौरान सुमन ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार बिजली विभाग का निजीकरण कर उसे सस्ते दामों पर कॉरपोरेट घरानों को बेचना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति से न सिर्फ उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी, बल्कि विभाग में काम कर रहे लाखों संविदा कर्मचारियों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन कर्मचारियों को कम वेतन पर काम करने के लिए मजबूर कर रही है और धीरे-धीरे स्थायी नौकरियों को खत्म किया जा रहा है।

रणधीर सिंह सुमन ने यह भी कहा कि सरकार की यह मंशा सिर्फ बिजली क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में भी निजीकरण की नीतियों को तेजी से लागू किया जा रहा है। उन्होंने आम जनता और कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे इस जनविरोधी नीति के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं और 17 अप्रैल के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लें।

प्रेस वार्ता में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे, जिनमें राज्य परिषद सदस्य परवीन कुमार, पार्टी सचिव बृजमोहन, शिवदर्शन वर्मा, दीपक कुमार, मोहम्मद कादिर, अमर सिंह प्रधान, महेंद्र यादव, जितेंद्र श्रीवास्तव, मुनेश्वर गोस्वामी, प्रेमचंद वर्मा, ज्ञानेश्वर वर्मा, संदीप तिवारी और दीपक शर्मा शामिल रहे। इसके अलावा किसान सभा के जिला अध्यक्ष विनय कुमार सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहे और उन्होंने किसानों के हितों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता जताई।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इस आंदोलन को सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ एक मजबूत जन संघर्ष के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें कर्मचारियों, किसानों और आम जनता की भागीदारी अहम होगी।