

समय के साथ AI की ताकत बढ़ती जा रही है, विशेषज्ञ इसके संभावित खतरों को लेकर चिंता जता रहे हैं। पढ़ें डाइनामइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की क्षमताएं अब केवल बुनियादी कमांड समझने तक सीमित नहीं रह गई हैं। आज के दौर में AI सोचने, जानकारी तैयार करने और समस्याओं का हल खोजने में सक्षम हो गया है। इसकी विकासशील तकनीक ने इसे एक ऐसे मुकाम पर ला खड़ा किया है, जहां यह भविष्य में और भी अधिक शक्तिशाली रूप ले सकता है।
हालांकि, डाइनामाइट न्यूज के संवाददाता के अनुसार, जैसे-जैसे AI की ताकत बढ़ती जा रही है, विशेषज्ञ इसके संभावित खतरों को लेकर चिंता जता रहे हैं।
कई दिग्गजों ने जताई चिंता
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और एप्पल के को-फाउंडर स्टीव वोजनियाक जैसे कई दिग्गजों ने एडवांस AI पर रोक लगाने की मांग की है। इनका मानना है कि AI के विकास को सुरक्षित दिशा देने के लिए सख्त नियमों और प्रोटोकॉल की ज़रूरत है।
गलत जानकारी फैलने का खतरा
AI से जुड़ा एक बड़ा खतरा है जो है वो ये कि गलत जानकारी का फैलना। AI चैटबॉट्स किसी भी विषय पर तेज़ी से विस्तृत जानकारी दे सकते हैं। इसका फायदा उठाकर हैकर्स फर्जी सूचनाएं फैला सकते हैं। खासतौर पर सोशल मीडिया पर यह एक बड़ा खतरा बन सकता है, जिससे समाज में अफवाह फैल सकती हैं।
इतना ही नहीं, कुछ AI टूल्स ऐसे भी हैं जो फोटो और वीडियो जेनरेट कर सकते हैं। इनकी मदद से गलत कंटेंट तैयार कर उसे सच्चाई की तरह पेश किया जा सकता है। फेक न्यूज और डीपफेक तकनीक के जरिए लोगों को गुमराह करना और भी आसान हो जाएगा।
निजता का खतरा
प्राइवेसी भी AI के कारण खतरे में आ सकती है। कुछ समय पहले एक AI बग के कारण यूजर्स की सर्च हिस्ट्री लीक हो गई थी। AI सिस्टम यूजर्स के व्यवहार को ट्रैक कर सकता है और उसका गलत इस्तेमाल करते हुए फर्जी प्रोफाइल्स बना सकता है। जिससे व्यक्तिगत जानकारी लीक होने और दुरुपयोग का खतरा बढ़ जाता है।
बेरोजगारी का खतरा
AI के चलते अगला बड़ा नुकसान बेरोजगारी के रूप में सामने आ सकता है। कई कंपनियां अपने कामकाज में AI का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे मानव श्रमिकों की जरूरत कम हो रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो, डेटा एंट्री, ट्रांसलेटर, कस्टमर सपोर्ट जैसी नौकरियों पर सबसे पहले असर पड़ेगा और यह खतरा लाखों लोगों के रोजगार पर मंडरा रहा है।
साइबर सिक्योरिटी का खतरा
साइबर सिक्योरिटी के लिहाज से भी देखा जाए तो AI का अत्यधिक इस्तेमाल चिंताजनक हो सकता है। AI बड़े खतरे को पहचानने और उसका समाधान निकालने में तेज है, लेकिन उस पर ज़्यादा निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है। कुछ देशों ने इसी डर के चलते ChatGPT जैसे टूल्स पर बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
डिफेंस सेक्टर के लिए बन सकता है बड़ा खतरा
डिफेंस सेक्टर में AI का इस्तेमाल अब सामान्य बात हो गई है। ड्रोन, मिसाइल जैसी तकनीकें AI के ज़रिए संचालित हो रही हैं। अभी तो इन्हें इंसानों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, लेकिन भविष्य में AI खुद फैसले लेने में सक्षम हो सकता है, जो सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर समस्या बन सकती है।