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सोमवार व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। 16 सोमवार का व्रत विवाह में आ रही बाधाएं दूर करता है और दांपत्य जीवन में सुख-शांति लाता है। भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। जानिए इसकी पूजा विधि, नियम और धार्मिक महत्व।
सोमवार व्रत की पूजा विधि (Img Source: Google)
New Delhi: हिंदू धर्म में सोमवार का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जो मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं या जिनके विवाह में लंबे समय से बाधाएं आ रही हैं। मान्यता है कि सच्चे मन, पूर्ण श्रद्धा और विधि-विधान से किए गए सोमवार व्रत से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
यह व्रत केवल विवाह से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए ही नहीं, बल्कि जीवन में स्थिरता, मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आत्मबल के लिए भी किया जाता है। यही कारण है कि आज भी देशभर में लाखों श्रद्धालु सोमवार के दिन उपवास रखकर शिव-पार्वती की आराधना करते हैं।
शिव भक्तों के बीच 16 सोमवार का व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसकी शुरुआत किसी भी शुभ सोमवार से की जा सकती है और इसे लगातार सोलह सोमवार तक किया जाता है। मान्यता है कि यह व्रत विवाह में आने वाली रुकावटों को दूर करता है और योग्य जीवनसाथी मिलने का मार्ग प्रशस्त करता है।
विवाहित लोगों के लिए यह व्रत दांपत्य जीवन में प्रेम, विश्वास और सामंजस्य बढ़ाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं को सात्विक जीवनशैली अपनाने, नकारात्मक विचारों से दूर रहने और संयमित आचरण रखने की सलाह दी जाती है।
धार्मिक ग्रंथ स्कंद पुराण में सोमवार व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप और लगातार सोमवार व्रत किया था। उनकी अटूट भक्ति, त्याग और विश्वास से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया।
पुराणों में यह भी कहा गया है कि सोमवार व्रत से मन को शांति, आत्मविश्वास और परिवार को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यही कारण है कि इसे अत्यंत पुण्यदायी व्रत माना गया है।
सोमवार व्रत को सही तरीके से करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन आवश्यक माना जाता है:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई श्रद्धालु पूर्ण निष्ठा और संयम के साथ 16 सोमवार का व्रत करता है, तो उसके जीवन की बड़ी समस्याएं स्वतः दूर होने लगती हैं। चाहे वह विवाह में देरी हो, पारिवारिक कलह हो या मानसिक अशांति, शिव कृपा से जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ या विद्वान से सलाह अवश्य लें।
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