रायबरेली: गंगा कटरी क्षेत्र में बाढ़ का खतरा, अलर्ट हुआ प्रशासनिक अमला

रायबरेली में गंगा नदी में आई बाढ़ के बाद गंगा कटरी क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण बाढ़ की आशंका से आशंकित प्रशासनिक अमले ने आज गंगा किनारे क्षेत्र में दौरा करके स्थिति का जायजा लिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 September 2024, 7:43 PM IST
google-preferred

रायबरेली: गंगा नदी (Ganga River) में आई बाढ़ (Flood) के बाद गंगा कटरी क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर (Water Level) के कारण बाढ़ की आशंका से आशंकित प्रशासनिक अमले ने आज गंगा किनारे क्षेत्र में दौरा करके स्थिति का जायजा लिया। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने बताया कि आज शनिवार को अपर जिला अधिकारी सिद्धार्थ कुमार (District Magistrate Siddharth Kumar) ने डलमऊ उप जिलाधिकारी अभिषेक कुमार, खंड विकास अधिकारी सत्यदेव यादव, क्षेत्राधिकारी अरुण नोवहार व डलमऊ तहसीलदार उमेश चंद के साथ डलमऊ गंगा घाट, रानी शिवाला घाट, लुकाघाट आदि क्षेत्र में बढ़ते गंगा जल स्तर को देखते हुए प्रशासनिक तैयारी का निरीक्षण किया।

डीएम ने लोगो से जानी समस्या

स्थानीय लोगों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेते हुए सिद्धार्थ कुमार हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में क्लोरिन और एन्टी फंगस की दवाओं का वितरण करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को सक्रिय करने के निर्देश दिये। उधर पशु चिकित्सक को निर्देशित करते हुए पशुओं में विभिन्न रोगों से बचाव, चारा की आपूर्ति आदि की समुचित व्यवस्था करने के लिए आदेशित किया। उन्होंने कहा कि डलमऊ तहसील में बाढ़ नियंत्रण के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया जो 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर 9415 743517 पर कॉल कर सकते हैं।

खतरा देखते हुए प्रशासन अलर्ट

एसडीएम अभिषेक कुमार निर्देशित किया कि यदि बाढ़ का पानी उग्र रूप धारण करता है। तो बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गो को गांव से बाहर निकालकर शरणालयों में पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर ट्राली तैयार रखे। साथ में जेसीबी मशीन की भी तैयारी हो ताकि यदि ट्रैक्टर अवरोधित होता है तो बाहर निकाला जा सकें। इसके उपरांत बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को सुना तथा हर संभव मदद का भरोसा दिलाया तथा चेताया कि बाढ़ राहत में किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इस दौरान एसडीएम ने बताया कि बाढ़ का जल स्तर बढ़ने से नावें लगायी गयी है। तथा अन्य संसाधनों का प्रबंध किया गया है।