

भारतीय क्रिकेटर यश दयाल यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों को लेकर कानूनी लड़ाई में फंसे हैं। गाजियाबाद में एक महिला द्वारा दर्ज एफआईआर के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। कोर्ट तय करेगा कि दयाल की गिरफ्तारी पर लगी रोक जारी रहेगी या नहीं। इससे पहले 15 जुलाई को उन्हें अस्थायी राहत मिली थी।
यश दयाल (Img: Internet)
New Delhi: भारतीय क्रिकेटर यश दयाल इन दिनों अपनी क्रिकेटिंग परफॉर्मेंस नहीं, बल्कि एक गंभीर कानूनी मामले की वजह से सुर्खियों में हैं। गाजियाबाद की एक महिला ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अब यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में है, जहां आज एक अहम सुनवाई होनी है। कोर्ट तय करेगा कि दयाल की गिरफ्तारी पर लगी रोक जारी रहेगी या मामला आगे बढ़ेगा।
इससे पहले 15 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यश दयाल को अस्थायी राहत दी थी। कोर्ट ने साफ कहा था कि जब तक मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती और सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि एफआईआर के आधार पर कोई दमनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे यश को कुछ समय की राहत मिल गई थी।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान तीन अहम पक्षों को नोटिस जारी किए थे- पीड़िता, उत्तर प्रदेश सरकार और गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने के एसएचओ। कोर्ट ने तीनों से तीन सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा था ताकि पूरे मामले का निष्पक्ष मूल्यांकन किया जा सके। इस नोटिस के जरिए कोर्ट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचा जाए।
यौन उत्पीड़न से जुड़ी यह एफआईआर 6 जुलाई को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में दर्ज की गई थी। रिपोर्ट बीएनएस की धारा 69 के तहत दर्ज की गई है, जो यौन अपराधों से संबंधित है। एफआईआर दर्ज होते ही यश दयाल ने कानूनी रास्ता अपनाते हुए कोर्ट का रुख किया था।
एफआईआर दर्ज होने के बाद यश दयाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले को साजिश करार दिया। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि यह मामला पूरी तरह से झूठा और दुर्भावनापूर्ण है, इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाए। यश दयाल का कहना है कि उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से यह शिकायत दर्ज कराई गई है।
अब यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के पास है, जिसमें जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अब्दुल शाहिद शामिल हैं। इस बेंच की सुनवाई यश दयाल के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसका सीधा असर न केवल उनकी छवि पर पड़ेगा, बल्कि उनके क्रिकेट करियर की दिशा भी तय हो सकती है।