

एशिया कप 2025 में खेले जाने वाले भारत और पाकिस्तान का मुकाबला विवादों का विषय बन गया है। पहलगाम हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खराब हो गए हैं। ऐसे में इस मुकाबले को हर कोई विरोध कर रहा है। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर क्यों बीसीसीआई और सरकार ने इस मुकाबले पर सहमति जताई है?
भारत बनाम पाकिस्तान (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले पर अभी से सवालिया निशान बने हुए हैं। यह मुकाबला अब केवल एक मुकाबला नहीं बल्कि विवाद का विषय बन गया है। टूर्नामेंट शुरू होने में अभी करीब डेढ़ महीने पहले से ही इस मैच को लेकर हर दिन सरकार और बीसीसीआई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खासकर सबसे बड़ा सवाल ये है कि सरकार और बीसीसीआई इस मैच के लिए राजी क्यों हुआ?
दरअसल, एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को भिड़ंत होने वाली है। जब से एशिया कप का शेड्यूल आया है तब से देशभर में मुकाबले की वजह से बवाल मच गया है। आम लोगों से लेकर राजनीतिक गलियारों तक इस मैच का विरोध कर रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि जब भारत लंबे समय से पाकिस्तान के साथ रिश्ते खराब हो गए हैं तो क्रिकेट खेलने की क्या ही जरूरत है?
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं। ऐसे में क्रिकेट मैदान पर दोनों टीमों की भिड़ंत को लेकर विरोध जारी है। बावजूद इसके, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने की हामी भर दी है। जिसके पीछे की वजह ओलंपिक 2026 को माना जा रहा है।
ओलंपिक 2036 की मेजबानी के लिए भारत ने दावेदारी पेश की है। अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों के नियमों के अनुसार, किसी भी देश को ओलंपिक या अन्य वैश्विक स्पर्धाओं की मेजबानी तभी दी जाती है, जब वह किसी भी देश विशेष के खिलाफ खुले तौर पर आपत्ति न जताए। ऐसे में अगर भारत टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना करता, तो इससे उसकी ओलंपिक दावेदारी को नुकसान पहुच सकता था।
हालांकि, BCCI सीधे तौर पर भारत सरकार के अधीन नहीं है, लेकिन इसके फैसलों पर सरकार का प्रभाव अक्सर देखा गया है। इस साल भारत जूनियर हॉकी विश्व कप और एशिया कप हॉकी की मेजबानी कर रहा है, और सरकार ने इन टूर्नामेंटों में पाकिस्तानी टीमों को भारत आने की अनुमति दे दी है। यह संकेत देता है कि सरकार ने खेलों के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक रूप से विरोध नहीं जताया है।
BCCI ने सुरक्षा और राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए पहले ही यह निर्णय ले लिया था कि एशिया कप को तटस्थ स्थान पर आयोजित किया जाएगा। अब यह टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेला जाएगा, जहां भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत 14 सितंबर को तय है।
हालांकि मैच होगा या नहीं, यह अभी पूरी तरह तय नहीं माना जा सकता, क्योंकि देश में इस मुकाबले को लेकर विरोध की लहर लगातार तेज होती जा रही है। इस मैच को लेकर जनता की भावनाएं भड़क उठी हैं और सोशल मीडिया पर भी इसका असर भी देखने मिल रहा है।