

ओवल टेस्ट में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 374 रनों का लक्ष्य देकर जीत की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। चौथी पारी में 300 से अधिक रन कभी हासिल नहीं हुए हैं, जिससे भारत की जीत लगभग तय मानी जा रही है। मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाजों से एक और धारदार प्रदर्शन की उम्मीद है।
भारत बनाम इंग्लैंड (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: ओवल टेस्ट के तीसरे दिन टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी में 396 रन बनाए और इंग्लैंड के सामने 374 रनों का विशाल लक्ष्य रख दिया। शुभमन गिल की कप्तानी वाली टीम ने पहली पारी की बढ़त को मजबूत करते हुए शानदार बल्लेबाजी की। इसके जवाब में इंग्लैंड ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 1 विकेट पर 50 रन बना लिए हैं। चौथे दिन मैच का नतीजा आने की पूरी संभावना है।
टेस्ट क्रिकेट के लंबे इतिहास में ओवल मैदान पर कभी भी किसी टीम ने चौथी पारी में 300 से ज्यादा रनों का सफलतापूर्वक पीछा नहीं किया है। इस मैदान पर अब तक का सबसे बड़ा सफल रनचेज 263 रनों का है, जिसे इंग्लैंड ने 1902 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 9 विकेट पर हासिल किया था।
इसके अलावा, 1963 में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ 252 रनों का पीछा कर जीत दर्ज की थी। लेकिन इसके बाद से कोई भी टीम इस मैदान पर 300 से ज्यादा का लक्ष्य नहीं हासिल कर सकी है। ऐसे में इंग्लैंड के लिए 374 रनों का पीछा करना एक असंभव सा कार्य लगता है।
दिलचस्प बात यह भी है कि साल 2000 के बाद से ओवल में सिर्फ एक बार ही कोई टीम 200 से ज्यादा रन का सफल रनचेज कर पाई है, जो बताता है कि चौथी पारी में बल्लेबाजों को यहां खासा संघर्ष करना पड़ता है।
टीम इंडिया को जीत दिलाने की जिम्मेदारी अब गेंदबाज़ों पर है। मोहम्मद सिराज इस मैच में जबरदस्त फॉर्म में नजर आए हैं। उन्होंने पहली पारी में चार विकेट झटके और दूसरी पारी में भी इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज जैक क्रॉली को पवेलियन भेजा।
प्रसिद्ध कृष्णा ने भी पहली पारी में चार विकेट लेकर टीम की वापसी कराई थी। अब भारत को अपने इन तेज गेंदबाजों से वैसा ही प्रदर्शन दोहराने की जरूरत है। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे स्पिनर भी अंतिम दिन की पिच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड 2-1 से आगे है। अगर भारत यह टेस्ट जीतता है, तो सीरीज 2-2 से ड्रॉ हो जाएगी। ओवल की पिच, इतिहास और मौजूदा मैच की स्थिति तीनों भारत की जीत की ओर इशारा कर रहे हैं। अब सिर्फ गेंदबाजों को अपनी भूमिका अच्छे से निभानी होगी।