

ओवल टेस्ट के तीसरे दिन पूर्व कप्तान रोहित शर्मा स्टैंड्स में नजर आए और उनकी मौजूदगी ने यशस्वी जायसवाल को नई ऊर्जा दी। जायसवाल ने शानदार शतक जड़ा और बताया कि रोहित ने उन्हें खेलते रहने का संदेश दिया था। जिसका खुलासा खुद यशस्वी ने किया है।
रोहित का जायसवाल को संदेश (सोर्स- एक्स)
New Delhi: भारत और इंग्लैंड के बीच लंदन के केनिंग्टन ओवल में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट मैच में एक खास पल तब आया जब पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा स्टैंड्स में नजर आए। रोहित सिर्फ एक दर्शक के तौर पर नहीं, बल्कि एक मेंटर की भूमिका में दिखे। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को मैदान के बाहर से हौसला दिया, जिसका असर साफ तौर पर देखने को मिला। जिस पर से अब सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने भी पर्दा उठाया है।
तीसरे दिन भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए शतक लगाया और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। यह उनके टेस्ट करियर का छठा शतक था। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यशस्वी ने खुलासा किया कि उन्हें स्टैंड में बैठे रोहित शर्मा से खास संदेश मिला था। यशस्वी ने कहा, “मैंने रोहित भाई को देखा और उन्हें ‘हाय’ कहा। उन्होंने मुझे खेलते रहने का मैसेज दिया।" यह एक छोटा लेकिन बेहद प्रेरणादायक क्षण था जिसने यशस्वी को उत्साह से भर दिया।
Yashasvi Jaisawal : "I saw Rohit bhai and said Hii. He gave me the message to keep playing".🥹♥️
Truly Rohit Sharma's fanboy.♥️ pic.twitter.com/9FQne6dDOc
— Shana⁴⁵ (@shana45__) August 3, 2025
अपनी पारी के बारे में बात करते हुए यशस्वी ने कहा कि इस दौरे की यह आखिरी पारी थी और वह मानसिक रूप से खुद को लगातार बेहतर करने के लिए तैयार थे। उन्होंने कहा, “हम सभी के लिए यह जरूरी है कि हम अपने प्रदर्शन को आगे बढ़ाते रहें। मैं इस पारी को लेकर पूरी तरह तैयार था और जितना संभव हो सके उतना स्कोर करना चाहता था।”
यशस्वी ने यह भी बताया कि उन्होंने तेज़ गेंदबाजों के अनुकूल पिच पर कैसे रणनीति अपनाई। उन्होंने कहा, “पहली पारी में विकेट को देखकर मुझे लगा कि रन बनाने के लिए सही रणनीति क्या हो सकती है। मेरा उद्देश्य था कि मैं सकारात्मक रहूं और गेंदबाजों पर दबाव बनाऊं। मैं जानना चाहता था कि वे कहां गेंदबाजी करेंगे और मैं कहां रन बना सकता हूं।”
उन्होंने यह भी माना कि हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच बनाए रखना जरूरी होता है। “अगर हालात आक्रामक खेलने की मांग करते हैं, तो मैं उस तरह खेलता हूं। अगर संयम की जरूरत होती है, तो उसका भी आनंद लेता हूं। मेरे लिए जरूरी है कि मैं परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालूं।”