

मॉन्ट्रियल ओपन 2025 में उपविजेता बनीं नाओमी ओसाका के फाइनल के बाद दिए गए छोटे भाषण पर सोशल मीडिया पर सवाल उठे, क्योंकि उन्होंने विजेता विक्टोरिया म्बोको का नाम नहीं लिया। इस आलोचना के बीच पूर्व टेनिस स्टार एंडी रॉडिक ने ओसाका का बचाव किया और कहा कि हार के तुरंत बाद किसी खिलाड़ी से भाषण की उम्मीद करना अनुचित है।
एंडी रॉडिक ने किया नाओमी ओसाका का समर्थन (Img: Internet)
New Delhi: मॉन्ट्रियल ओपन 2025 के फाइनल में हारने के बाद उपविजेता रहीं नाओमी ओसाका के संक्षिप्त भाषण को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना का दौर शुरू हो गया। ओसाका ने अपनी टीम और टूर्नामेंट आयोजकों को तो धन्यवाद दिया, लेकिन विजेता विक्टोरिया म्बोको का नाम तक नहीं लिया। यह बात कई लोगों को खटक गई और उन्होंने इसे खेल भावना की कमी बताया। हालांकि, अब एंडी रॉडिक ने ओसाका का समर्थन किया है और ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया है।
2003 यूएस ओपन विजेता एंडी रॉडिक ने इस आलोचना को अनुचित बताया और ओसाका का खुलकर समर्थन किया। अपने पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि टेनिस खिलाड़ियों से हार के कुछ ही पलों बाद बोलने की उम्मीद की जाती है, जब उनकी भावनाएं अभी भी अस्थिर होती हैं। ऐसे समय में उनसे संतुलित और परिपक्व भाषण की उम्मीद करना गलत है।
रॉडिक ने यह भी कहा कि मंच पर दिए गए भाषण से ज्यादा जरूरी यह है कि खिलाड़ी रोजमर्रा में एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नाओमी ओसाका आम तौर पर एक विनम्र और प्रिय खिलाड़ी हैं, और अगर उन्होंने उस समय कुछ नहीं कहा, तो इसका मतलब यह नहीं कि उनके मन में विरोधी खिलाड़ी के लिए सम्मान नहीं था।
रॉडिक ने कहा, "हमारा खेल शायद एकमात्र ऐसा है जिसमें हारने के बाद भी खिलाड़ी से बोलने की उम्मीद की जाती है। यह हर किसी के लिए आसान नहीं होता। कुछ लोग उस समय संभल कर बोल सकते हैं, कुछ नहीं। और यह पूरी तरह से ठीक है।" उन्होंने जोड़ा कि वह ओसाका के मंच पर दिए भाषण से ज्यादा इस बात को अहम मानते हैं कि वह अपने साथी खिलाड़ियों के साथ आम जीवन में कैसा व्यवहार करती हैं।
हालांकि ओसाका फाइनल में हार गईं, लेकिन उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह उनका 2022 मियामी ओपन के बाद पहला डब्ल्यूटीए 1000 फाइनल था। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की एलिना स्वितोलिना को 6-2, 6-2 से हराया और सेमीफाइनल में क्लारा टॉसन को 6-2, 7-6 (9) से मात दी। फाइनल में उन्होंने पहला सेट 6-4 से जीता, लेकिन बाद में 18 वर्षीय विक्टोरिया म्बोको ने वापसी करते हुए 4-6, 6-4, 6-1 से मुकाबला जीत लिया।
ओसाका ने मंच पर भले ही ज्यादा नहीं कहा हो, लेकिन उनके प्रदर्शन और आचरण ने साफ दिखा दिया कि वह अब भी खेल की एक सम्मानित हस्ती हैं। रॉडिक के शब्दों में, कभी-कभी मौन भी खिलाड़ी की गरिमा का हिस्सा होता है।